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पुणे महानगर के नरे गांव में आबाद मारवाड़ जंक्शन निवासी रामचंद्र सिंह राजपुरोहित के पुत्र की सगाई के अवसर पर । मारवाड़ के ही मदुराई में रहने वाले पुष्पेंद्र सिंह के परिवार की ओर से कीर्ति राजपुरोहित की सगाई दस्तूरी लेकर आए रुपावास निवासी रूपसिंह एवं बाबू सिंह ने सगाई की रस्म के रूप में टीका देने का आग्रह किया। जिसे अस्वीकार करते हुए रामचंद्र सिंह ने अपने पुत्र की
सगाई दस्तूर मात्र 101 रुपये ओर नारियल स्वीकार कर अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। रामचंद्र सिंह एवं उनके पुत्र मानसिंह ,मनदीप सिंह एवं राकेशसिंह की इस विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए समाज के दर्जनों गणमान्य प्रहलाद सिंह डोडू, महेंद्रसिंह पुनाडिया ,भवानी सिंह खरोकड़ा ,मदनसिंह, अमरसिंह तथा राजपुरोहित आश्रम पुणे की कार्यकारिणी के सचिव महेंद्रसिंह की मौजूदगी में घोषणा की कि यह शादी भी ब्रह्मधाम आसोतरा के नियमानुसार ही होगी।
जिसकी मौजूद लोगों ने अनुमोदना करते हुए दीपकसिंह बिलाड़ा,भवानी सिंह खरोकड़ा एवं सचिव महेंद्रसिंह ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मारवाड़ से यहां प्रवासी के रूप में रहते भले ही हमे दशकों वर्ष हो गए, लेकिन हमें मरुधरा मारवाड़ की सांस्कृतिक विरासत को नहीं भूलाना है और अगली पीढ़ी को भी संस्कारित करना है। साथ ही वक्ताओं ने कहा कि अब महिला शिक्षा को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है तथा सभी प्रकार के
व्यसनों को त्यागना ही होगा ।
इस मांगलिक अवसर पर महिलाओं ने भी अपनी परंपराओं के अनुसार मांगलिक गीत गाकर वातावरण को मारवाड़ में बना दिया। ये भी पढ़े:-
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