रविवार को महाराष्ट्र पुलिस के एक अधिकारी ने मामले की जांच करने वाले राजकीय अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज (GHMC) औरंगाबाद के वरिष्ठ डॉक्टरों की समिति की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि डॉक्टर महिला को अनुभवहीन नर्सों के भरोसे छोड़कर सुबह की सैर के लिए चली गई थी। मरीज नेहा लिधौरिया की 13 अप्रैल को डिलीवरी के बाद खून की भारी कमी की वजह से मौत हो गई। महिला को प्रसव के लिए 13 अप्रैल को जालना के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
बता दें कि अधिकारी ने कहा कि नेहा ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। 13 अप्रैल की सुबह प्रसव के बाद उसके शरीर में खून की भारी कमी हो गई, जबकि डॉक्टर उसे अनुभवहीन नर्सों के भरोसे छोड़कर सुबह की जॉगिंग के लिए निकल गई। डॉक्टर और नर्सो ने महिला को खून की जरुरत के बारे में सूचित नहीं किया।
अधिकारी ने आगे कहा कि डॉक्टर ने महिला की स्थिति और खून की जरुरत के बारे में सही जानकारी नहीं दी। जिसकी वजह से अत्यधिक रक्त हानि की वजह से महिला की मौत हो गई। इस दौरान महिला के पति ने सरकारी जिला अस्पताल में शिकायत दर्ज कराकर अपनी पत्नी की मौत की जांच करने की मांग की है। इसके बाद शिकायत को जीएमसीएच समिति के पास भेज दिया गया। अधिकारी ने बताया कि स्त्री रोग विशेषज्ञ के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच की जा रही है।