कठपुतली बनकर रह जाती थीं लड़कियां
पालघर, मुंबई और कल्याण के पुलिस स्टेशनों में इनके खिलाफ 7 मामले दर्ज हैं। पुलिस की ओर से 13 लोगों के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज किया है। उक्त मामले में कुल 7 आरोपीयों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि मानव तस्करी के लिए गिरोह द्वारा बांग्लादेश से मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में अच्छी नौकरी का लालच देकर नाबालिग लड़कियों और युवतियों को भारत लाया जाता था। इनको 50 से 60 हजार से लेकर एक लाख रुपये में बंगलादेशी दलालों से खरीदकर महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे में बेचा जाता था। बाद में इन्हें देह व्यापार में धकेल दिया जाता था। दलाल इसके लिए प्रति महीने मोटे कमीशन की राशि लेते थे। यहीं नहीं इनको दलाल के माध्यम से तीन महीनों के लिए बेचा जाता था और तीन माह समाप्त होते ही दूसरे को बेचते दिया जाता है। इस तरह इनके चंगुल में फंसी सभी लड़कियां दलालों के हाथों की कठपुतली बनकर रह जाती थीं।
एकाउंट या मोबाइल से होता था लेन-देन…
वर्ष 2010 से 2018 के दरम्यान सेदुल महम्मद मुस्लिम शेख द्वारा सैकड़ों युवतियों और नाबालिग लड़कियों को बांग्लादेश से मानव तस्करी द्वारा भारत मे बेचा चुका था। 6 सितंबर 2018 को सेदुल महम्मद मुस्लिम शेख (45) को पुलिस ने गिरफ्तार किया। सेदुल ने पुलिस को बताया की रुपये का लेन-देन बैंक एकाउंट या मोबाइल से हुआ करता था। पुलिस छानबीन में इसके द्वारा 166 लोगों से रुपयों का लेन-देन होने की बात सामने आयी है। पुलिस के अनुसार, उक्त मामले में उमर फाहरुक, विष्णु मंडल, इमदादुल मुशलिम शेख और अमित शहा आदि शामिल है। यह गिरोह
बांग्लादेश में गरीब परिवार के लोगों को अच्छी नौकरी और काम का लालच देकर उन्हें भारत में बेच दिया जाता था।