Maharashtra Politics: एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के सामने रखी डिमांड- बीजेपी से करें गठबंधन, वर्ना टूट जाएगी शिवसेना
शिवसेना नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके पास अभी 35 से ज्यादा शिवसेना विधायकों का समर्थन है। और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में आईये जानते है उन तीन महत्वपूर्ण संभावनाओं के बारें में जो आगे हमें महाराष्ट्र की राजनीति में देखने को मिल सकते है। जो न केवल शिवसेना बल्कि पूरे प्रदेश की राजनीति की धुरी बदल कर रख देखी।मान लीजिए कि असंतुष्ट एकनाथ शिंदे एमवीए गठबंधन को विभाजित करने में सफल हो जाते हैं, और शिवसेना को बीजेपी के साथ जाने के लिए मजबूर कर देते है। ऐसे में एमवीए गठबंधन न केवल टूट जाएगा बल्कि उसका अस्तित्व ही मिट जाएगा। ऐसे में सत्ता के बंटवारे के संभावित फार्मूले के अनुसार उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। मुख्यमंत्री की कुर्सी बीजेपी के पास होगी और शिवसेना का डिप्टी सीएम होगा, जो संभवत: शिंदे ही होंगे। फिलहाल शिवसेना प्रमुख ठाकरे बीजेपी के साथ जाने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शिंदे को 38 के करीब अकेले शिवसेना विधायकों का समर्थन प्राप्त है। यदि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी की कुल ताकत 56 है, तो शिंदे दो तिहाई यानी 37 शिवसेना विधायकों को अपने पक्ष में होने का प्रमाण देते हैं, तो दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं होगा। और दलबदल के बाद शिंदे धड़े का बीजेपी के साथ जाने का रास्ता साफ हो जाएगा। बीजेपी के पास पहले से 106 विधायक व छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन है जो लगभग 114 की ताकत प्रदान कर रहा है। इस वजह से बीजेपी 144 के आकंडे तक आसानी से पहुंच जाएगी और राज्यपाल को सरकार गठन का प्रस्ताव भेज सकती हैं।
एकनाथ शिंदे ने हाल ही में कहा कि गठबंधन के खिलाफ उनके डर की पुष्टि राज्यसभा और महाराष्ट्र विधान परिषद (एमएलसी) चुनावों में शर्मनाक हार के दौरान हुई थी। इन चुनावों से पता चलता है कि बीजेपी का समर्थन उन दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी किया जो उनके साथ कभी थे ही नहीं और एमवीए को नकार दिया।