देश के शीर्ष कोर्ट के इस कदम से जहां शिवसेना के एकनाथ शिंदे खेमे ने थोड़ी राहत ली है तो वहीँ दूसरी ओर पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के खेमे का इंतजार और बढ़ गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, 3 अगस्त को शिवसेना की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस (CJI) एनवी रमणा, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट की याचिका पर चुनाव आयोग की कार्यवाही के खिलाफ दाखिल की गई उद्धव ठाकरे खेमे की याचिका पर भी एक अगस्त को ही बाकि याचिकाओं के साथ सुनवाई करने वाला था। दरअसल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने खुद को असली शिवसेना के तौर पर मान्यता दिए जाने का चुनाव आयोग से अनुरोध किया है। जिसके बाद आयोग ने दोनों पक्षों से अपना दावा साबित करने के सबूत मांगे थे। फिर शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत धड़े ने इस पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
देश की शीर्ष कोर्ट ने 20 जुलाई को कहा था कि हाल ही में महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट के दौरान शिवसेना और उसके बागी विधायकों द्वारा दायर याचिकाओं ने एक राजनीतिक दल के विभाजन, विलय, दलबदल और अयोग्यता सहित कई संवैधानिक मुद्दों को उठाया है, जिस पर एक बड़ी बेंच द्वारा विचार किए जाने की आवश्यकता हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने अभी विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले पर सुनवाई नहीं करने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र के हालिया राजनीतिक संकट से जुड़ी छह याचिकाएं लंबित हैं। इन याचिकाओं में महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिंदे गुट और बीजेपी के गठबंधन को आमंत्रित करने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के 30 जून के फैसले को और उसके बाद विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट को भी चुनौती दी गई है।