डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया है। इससे बागी गुट को झटका लगा है। एकनाथ शिंदे गुट अब इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। शिवसेना की ओर से कहा गया था कि उन्होंने डिप्टी स्पीकर से कुल 16 बागी विधायकों को निलंबित करने की मांग की थी। जिन 16 बागी विधायकों को निलंबित करने की मांग की गई थी उनमें एकनाथ शिंदे, भरत गोगावले, बालाजी किणीकर, सदा सरवणकर, लता सोनावणे, प्रकाश आबिटकर, संजय रायमुलकर, संदीपान भुमरे, रमेश बोरनारे, महेश शिंदे, अनिल बाबर, अब्दुल सत्तार, प्रकाश सुर, तानाजी सावंत, यामिनी जाधव, संजय शिरसाट का नाम शामिल है।
यह भी पढ़ें
Maharashtra Political Crisis: शिवसेना में बगावत के बाद अब उपद्रव का डर! पोस्टर वॉर के बीच एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे में धारा 144 लागू
महाराष्ट्र का सियासी दंगल अब चुनाव आयोग पहुंच गया है। इस बीच उद्धव ठाकरे को और शर्मिंदा करने के लिए एकनाथ शिंदे कैंप ने एक और मास्टर स्ट्रोक चाल चली है। सूत्रों से मिली जानकरी के मुताबिक शिंदे समर्थकों ने अपने अलग गुट का नाम सोच लिया है। शिंदे कैंप ने ‘शिवसेना – बालासाहेब ठाकरे गुट’ के नाम को अपनाने का फैसला किया है। शिंदे कैंप में करीब 40 विधायक हैं. ऐसे में अब बहुत जल्द ही शिंदे समर्थक इस नाम को लेकर औपचारिक घोषणा कर सकते हैं। इस पर शिवसेना ने आयोग में आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि शिंदे गुट ‘बाला साहब’ और ‘शिवसेना’ का नाम इस्तेमाल नहीं कर सकता है। दूसरी तरफ, शिव सैनिक सड़कों पर उतर आए हैं। शिव सैनिकों ने बागी विधायक तन्नाजी सावंत के दफ्तर में तोड़फोड़ की है। पुणे शहर के शिव सेना प्रमुख ने कहा है कि उनके ही कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की है। कार्यकर्ताओं के उत्पात को देखते हुए मुंबई पुलिस ने हाई अलर्ट जारी किया है। बागी विधायकों को लेकर मचे हड़कंप के बीच मुंबई में धारा144 लागू कर दी गई है।