राजस्थान के घटनाक्रम के बहाने शिवसेना ने मंगलवार को पार्टी मुखपत्र सामना में भाजपा को जम कर कोसा । सामना में छपे लेख में भाजपा पर सत्ता के लिए किसी भी हद तक गिरने का आरोप लगाया है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी की भूमि है ऐसे कृत्य बर्दाश्त नही करेगी।
इस बीच एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष व जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील ने कहा कि महाविकास आघाडी सरकार के तीनों दलों में जबरदस्त एकता है।यदि किसी दल के विधायक ने बगावत की भी तो उसके खिलाफ तीनो दल एक साथ खड़े होंगे। वह दुबारा किसी कीमत पर चुनाव नही जीत पायेगा। पाटील ने स्पष्ट कहा कि तीनों दलों मे से कोई फूटने वाला नही है। महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति राजस्थान से भिन्न है।
उधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रकान्त पाटील ने कहा कि महाविकास आघाडी की सरकार खुद दलदल में हैं। पवार साहब के बयानों से ही साफ हो रहा है कि उन्हें महाविकास गठबंधन को लेकर भय है। सामना को दिए साक्षात्कार में पवार गठबंधन की एकता पर जोर दे रहे हैं। उसी से साफ हो रहा है कि पवार का ध्यान कहां हैं।
महाविकास आघाडी सरकार में खींचतान कोई नई नहीं है। जब से सरकार बनी है, तकरार-मान-मनुहार जारी है। सबसे पहले मलाईदार विभागों को लेकर तकरार हुई। इसमें एनसीपी और कांग्रेस फायदे में रहीं जबकि शिवसेना को समझौता करना पड़ा। कभी कांग्रेस ने उपेक्षा का आरोप लगाया तो कभी एनसीपी के मंत्रियों ने खुद को हाशिये पर डालने का दुखड़ा रोया। अफसरों के तबादले को लेकर भी तलवारें खिंचीं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सबको समझा-बुझा कर गाड़ी हांक रहे हैं। जब आपसी खटास बढ़ जाती है तब एनसीपी मुखिया रिश्तों में मिठास घोलने का प्रयास करते हैं।