देवेंद्र फडणवीस के इस फैसले के पीछे पीएम मोदी के कॉल के दावे में कितनी सच्चाई है यह कहना मुश्किल है। क्योंकि इसे लेकर कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है। रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में भाजपा ने 90 फीसदी फैसले देवेंद्र फडणवीस पर छोड़ दिया था। यही कारण है कि पूरे सियासी घटनाक्रम पर उनकी नजर थी। देवेंद्र सरकार से बाहर रहकर शिंदे को समर्थन देना चाहते थे। लेकिन भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद के लिए हामी भरी।
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समाचार एजेंसी एएनआई को बीजेपी के एक सीनियर नेता ने कहा कि देवेंद्र को महाराष्ट्र में चल रहे हर घटनाक्रम की पूरी जानकारी थी। इसलिए यह कहना बहुत दूर की बात है कि उन्हें लूप में नहीं रखा गया था। कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने देवेंद्र फडणवीस को दो बार फोन किया। जिसके बाद वे डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने के लिए तैयार हुए। मोदी के अलावा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्विटर पर फडणवीस से अपील की थी। वहीं एएनआई से इस नेता ने यह भी कहा कि देवेंद्र फडणवीस को कोई निर्देश नहीं दिया गया था। साथ ही किसी को नहीं पता था कि वह ऐलान करेंगे कि वह सरकार का हिस्सा नहीं होंगे। इस ऐलान के बाद फडणवीस को आलाकमान की तरफ से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की बात कही गई थी।