राज्य में मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा और 50-50 फॉर्मूला कांग्रेस और राकांपा को मिलेगा। जिसके तहत ढाई-ढाई साल तक उपमुख्यमंत्री का पद कांग्रेस और राकांपा के पास होगा। शिवसेना और राकांपा को 14-14 मंत्री पद मिलेंगे। जबकि कांग्रेस को 12 मंत्री के पद दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त विधानपरिषद अध्यक्ष का पद शिवसेना के पास तो विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस के पास होगा।
फिलहाल खबरों के मुताबिक मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना का दावा बरकरार है। शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के बीच हुई कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के ठीक एक दिन बाद यानी शुक्रवार को शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में आगामी 25 सालों तक शासन करेगी। वहीं मंत्री पद के लिए तीनों पार्टी में 14-14-12 का फॉर्मूला सामने आ रहा है। जिसमें शिवसेना के 14, एनसीपी के 14 और कांग्रेस के 12 मंत्री होंगे। संजय राउत से जब मुख्यमंत्री के पद के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सिर्फ पांच साल क्यों? हम 25 सालों तक महाराष्ट्र पर शासन करेंगे। राजनीतिक विशेषज्ञकों की मानें तो शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद मिलेगा, लेकिन कार्यकाल ढाई-ढाई साल का होगा या पांच साल का होगा अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है। उप-मुख्यमंत्री एनसीपी-कांग्रेस का हो सकता है।
सरकार गठन को लेकर राज्य में पिछले करीब तीन सप्ताह से चल रहे घटनाक्रम का अब पटाक्षेप होने की बारी आ गई है। सरकार गठन को लेकर सस्पेंस खत्म होता नजर आ रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो भी सरकार बनेगी वह पांच साल तक चलेगी। इस बीच शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात का समय मांगा है। हालांकि, तीनों पार्टियों के नेताओं ने यह समय किसानों के मसले पर बात करने के लिए मांगा है। एनसीपी ने कहा कि 20 दिन के अंदर महाराष्ट्र में सरकार का गठन होने की उम्मीद है। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में विवाद हुआ है तो निश्चित रूप से सीएम शिवसेना का होगा। मलिक ने कहा कि भाजपा ने शिवसेना को अपमानित किया गया है। हमारी जिम्मेदारी शिवसेना का स्वाभिमान और सम्मान बनाए रखना है।