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महाविकास आघाडी में ‘ऑल इज नॉट वेल’? शरद पवार को लेकर प्रकाश अंबेडकर ने किया सनसनीखेज दावा

locationमुंबईPublished: Jan 26, 2023 02:16:03 pm

Submitted by:

Dinesh Dubey

Uddhav Thackeray Prakash Ambedkar Alliance: वंचित बहुजन आघाडी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘शरद पवार बीजेपी के साथ हैं, आपको जल्द यह बात पता चल जाएगी।’

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प्रकाश अंबेडकर और उद्धव ठाकरे

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में ‘शिवशक्ति’ और ‘भीमशक्ति’ के गठबंधन के बाद विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाडी (MVA) में असमंजस की स्थिति दिखाई दे रही है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना और प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन आघाडी (VBA) के साथ आने से खासकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) खुश नहीं है। इस बीच, वीबीए सुप्रीमों प्रकाश अंबेडकर ने एनसीपी प्रमुख पर सनसनीखेज आरोप लगा दिया है।
वंचित बहुजन आघाडी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘शरद पवार बीजेपी के साथ हैं, आपको जल्द यह बात पता चल जाएगी।’ खबर है कि प्रकाश अंबेडकर के इस दावे के बाद एनसीपी ने उद्धव ठाकरे को पुणे की दो विधानसभा सीटों कस्बा पेठ (Kasba Peth By-Polls) और चिंचवड (Chinchwad By-Polls) उपचुनाव के लिए एमवीए प्रत्याशी तय करने का अल्टीमेटम दे दिया है।
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एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा, “उद्धव ठाकरे को पुणे के दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर जल्द फैसला लेना चाहिए। हम बैठक कर एमवीए उम्मीदवार के संदर्भ में जल्द फैसला करेंगे। उद्धव ठाकरे जितनी जल्दी अपने फैसले की घोषणा करेंगे, उतना ही अच्छा होगा।”
पाटिल ने आगे कहा, ‘हमारी भूमिका संगठित तरीके से काम करने की है. सभी को एक समान रखने के लिए हमारे पास सकारात्मक दृष्टिकोण है। फैसला जल्द ही किया जाए तो बेहतर होगा। बहुत से लोग असहमति जताते हुए स्वतंत्र खड़े होते है। इससे कई वोट कट जाते है और उसका फायदा बीजेपी को मिलता है।’
जयंत पाटिल ने अजित पवार-देवेंद्र फडणवीस के सुबह-सुबह शपथ ग्रहण समारोह पर भी टिप्पणी की। राष्ट्रपति शासन हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, इसलिए शरद पवार ने यह दांव चला। हालांकि एनसीपी नहीं टूटी, लेकिन शिवसेना के विधायक चले गए। जयंत पाटिल ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि एनसीपी ने अंत तक शिवसेना का समर्थन किया।
बता दें कि पिछले साल जून में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के पतन के बाद, शिंदे ने 50 विधायकों और बीजेपी के समर्थन से नई सरकार बनाई थी।

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