गौर हो कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक बयान में कहा था कि मुंबई को आर्थिक राजधानी गुजरातियों और मारवाड़ियों ने मिलकर बनाया हुआ है। अगर वे यहां से चले गए तो मुंबई में पैसा नहीं बचेगा। यही कारण है कि शिवसेना नेता संजय राउत ने इसी मसले को उठाते हुए यह समझाने की कोशिश की है। राउत ने बताया कि मुंबई को आगे बढ़ाने में अंग्रेजों, गुजरातियों, पारसियों और मराठियों का क्या रोल रहा है।
शिवसेना नेता ने लिखा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने बयान पर महाराष्ट्र से माफी मांग ली है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को लेकर गलत बयान के चलते तो मोरारजी देसाई और पंडित नेहरु को भी माफी मांगनी पड़ी थी। महाराष्ट्र के स्वाभिमान से किसी ने अगर खेल किया तो मराठी माणूस भड़क जाता है।
संजय राउत ने कहा कि मुंबई के लिए मराठी और मराठे अपना खून बहाते रहे हैं। साथ ही मराठी मानुस मुंबई के लिए निरंतर मेहनत कर रहा है और अन्य जो भी लोग आए हैं वह लक्ष्मी दर्शन के लिए आए हैं। उन्होंने ;इंग्लिश रिकॉर्ड ऑन शिवाजी’ किताब को क्रेडिट देते लिखा कि गुजराती जान बचाने और धन कमाने के लिए सूरत से मुंबई आए।
राउत ने अपने लेख में पारसी रईस के नाम का भी उल्लेख किया है। जिन्होंने अपनी प्रॉपर्टी मुंबई के लिए लुटा दी। यह नाम जगन्नाथ उर्फ नाना शंकरशेठ का है। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में पंजाबियों के योगदान का भी जिक्र किया है। वे बोले कि इनका शुरू से ही बॉलीवुड में प्रभाव रहा है। शिवसेना नेता ने कहा कि मुंबई में टाटा से लेकर अंबानी तक का घर इसलिए है क्योंकि यहां भेदभाव नहीं है।