बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस भर्ती में ट्रांसजेंडरों के लिए दो पद न रखे जाने पर नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई हैं। ऐसा ना करने पर कोर्ट ने पूरी भर्ती प्रोसेस को रोक देने की चेतावनी दी हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट की एक बेंच ने कहा कि 7 साल से यह सरकार गहरी नींद में है। आप अपने काम नहीं करते हैं और पीड़ित लोगों को कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं। जब कोर्ट आदेश पारित करती हैं, तो हम पर अतिक्रमण का आरोप लगाया जाता है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि आप नियम नहीं बनाएंगे और आप उन्हें (ट्रांसजेंडर) शामिल नहीं करेंगे तो हम पूरे प्रोसेस पर ही रोक लगा देंगे, फिर आपको नियम बनाने के लिए मजबूर किया जाएगा। बता दें कि साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक पदों पर भर्ती के दौरान ट्रांसजेंडरों के लिए पद रखने के लिए कहा था।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद देश के कई राज्यों ने इसे लागू भी किया लेकिन महाराष्ट्र में अभी तक ऐसा नहीं किया गया। ट्रांसजेंडर की तरफ से पेश अधिवक्ता क्रांति एलसी ने बताया कि 11 राज्य सरकारों ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक प्राविधान किए हैं। इस पर बेंच ने कहा कि महाराष्ट्र पीछे क्यों रहे? हम चाहते हैं कि महाराष्ट्र भी ऐसा करे। भगवान हर किसी के लिए दयालु नहीं रहे हैं। हमें दयालु होने की आवश्यकता है।