scriptमहाराष्ट्र: पुलिस में भर्ती होंगे ट्रांसजेंडर, बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया | Maharashtra: Transgender will be recruited in police, Bombay High Court slammed the state government | Patrika News

महाराष्ट्र: पुलिस में भर्ती होंगे ट्रांसजेंडर, बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया

locationमुंबईPublished: Dec 09, 2022 08:45:55 pm

Submitted by:

Siddharth

अब महाराष्ट्र में भी पुलिस में ट्रांसजेंडर भर्ती होंगे। बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस भर्ती में ट्रांसजेंडरों के लिए दो पद न रखे जाने पर नाराजगी जताई और राज्य सरकार को फटकार लगाई। ऐसा ना करने पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने पूरी भर्ती प्रोसेस रोक देने की चेतावनी दी हैं।

bombay_high_court_1.jpg

Bombay High Court

अब महाराष्ट्र में भी पुलिस में ट्रांसजेंडर भर्ती होंगे। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को पुलिस में ट्रांसजेंडर की भर्ती को लेकर निर्देश दिया है। कोर्ट ने एमपीएससी परीक्षा में ट्रांसजेंडर के लिए 13 दिसंबर तक वेबसाइट पर ऑप्शन देने को कहा है। इस निर्णय के बाद पुलिस भर्ती में अब पुरुष और महिलाओं के साथ ट्रांसजेंडर भी आवेदन कर सकेंगे। इसके साथ ही ट्रांसजेंडर के फजिकल टेस्ट के लिए अगले ढाई महीने में नए नियम बनाने का भी आदेश दिया है।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस भर्ती में ट्रांसजेंडरों के लिए दो पद न रखे जाने पर नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई हैं। ऐसा ना करने पर कोर्ट ने पूरी भर्ती प्रोसेस को रोक देने की चेतावनी दी हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट की एक बेंच ने कहा कि 7 साल से यह सरकार गहरी नींद में है। आप अपने काम नहीं करते हैं और पीड़ित लोगों को कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं। जब कोर्ट आदेश पारित करती हैं, तो हम पर अतिक्रमण का आरोप लगाया जाता है।
यह भी पढ़ें

महाराष्ट्र में डीएम की कुर्सी जब्त करने मजदूरों के साथ पहुंचा किसान, मचा हड़कंप

इस मामले की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि आप नियम नहीं बनाएंगे और आप उन्हें (ट्रांसजेंडर) शामिल नहीं करेंगे तो हम पूरे प्रोसेस पर ही रोक लगा देंगे, फिर आपको नियम बनाने के लिए मजबूर किया जाएगा। बता दें कि साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक पदों पर भर्ती के दौरान ट्रांसजेंडरों के लिए पद रखने के लिए कहा था।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद देश के कई राज्यों ने इसे लागू भी किया लेकिन महाराष्ट्र में अभी तक ऐसा नहीं किया गया। ट्रांसजेंडर की तरफ से पेश अधिवक्ता क्रांति एलसी ने बताया कि 11 राज्य सरकारों ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक प्राविधान किए हैं। इस पर बेंच ने कहा कि महाराष्ट्र पीछे क्यों रहे? हम चाहते हैं कि महाराष्ट्र भी ऐसा करे। भगवान हर किसी के लिए दयालु नहीं रहे हैं। हमें दयालु होने की आवश्यकता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो