महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संगठन के देवला तहसील अध्यक्ष कुबेर जाधव ने कहा कि रवी मौसम का प्याज अच्छी क्वालिटी का होता है, जिसका निर्यात किया जाता है। निर्यात किए जाने वाले अंगूर पर भी बेमौसमी बारिश की मार पड़ी है। बारिश के पानी से फलदार पौधों को बीमारी लग सकती है। खेती पर पड़ रही दोहरी मार से किसानों की चिंता स्वाभाविक है। लॉकडाउन से अंगूर किसानों को ही तीन हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है।
जिले की निफाड, दिंडोरी, मनमाड, देवला, त्र्यंबकेश्वर, सटाना, इगतपुरी, कलवन आदि तहसीलों में बेमौसमी बारिश से फलों-सब्जियों की खेती प्रभावित हुई है। बारिश के साथ ही तापमान में उतार-चढ़ाव की मार भी फसलों पर पड़ रही है। बता दें कि देश में सबसे ज्यादा प्याज और अंगूर का उत्पादन महाराष्ट्र में होता है। एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव भी नासिक में ही है।