पवार ने उम्मीद जताई कि जल्द ही महाराष्ट्र एक खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनेगा। यह कामयाबी हासिल करने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य होगा। वित्त मंत्री ने अगले साल 4.03 लाख करोड़ रुपए के राजस्व वसूली और 4.27 लाख करोड़ रुपए खर्च की उम्मीद जताई। राजस्व घाटा 24 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकता है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बजट को विकासोन्मुखी जबकि विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने दिशाहीन बताया।
पांच सूत्रीय कार्यक्रम
देश में कोरोना की मार से सबसे ज्यादा त्रस्त महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए पांच सूत्रीय कार्यक्रम बनाया गया है। इसमें कृषि, स्वास्थ्य, मानव संसाधन, संचार और उद्योग शामिल हैं। इस पर अमल के लिए बजट में 1.15 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। अगले तीन में चार लाख करोड़ रुपए मुहैया कराने का वादा किया गया है।
कृषि के लिए 23,888 करोड़
कृषि क्षेत्र के लिए बजट में 23,888 करोड़ रुपए रखे गए हैं। पवार ने कहा कि सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के साथ सरकार फल-बागवानी को प्रोत्साहन जारी रखेगी। समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों को 50 हजार रुपए अनुदान की घोषणा की गई है। पवार ने कहा कि अनुदान का लाभ 20 लाख किसानों को मिलेगा, जिस पर 10 हजार करोड़ खर्च होंगे।
स्वास्थ्य-इन्फ्रा पर फोकस
राज्य के बजट में स्वास्थ्य व इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर फोकस किया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 5,244 करोड़ रुपए रखे गए हैं। मानव संसाधन विकास के लिए 46,667 करोड़, इन्फ्रा-परिवहन सुविधाओं के लिए 28,605 करोड़ और उद्योग-ऊर्जा विभाग के लिए 10,111 करोड़ का प्रावधान है।
16 जिलों में महिला अस्पताल
वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना से हमने सबक लिया है। सरकारी अस्पतालों में उपचार सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। राज्य के 16 जिलों में महिलाओं के लिए अस्पताल बनाने की घोषणा उन्होंने की। प्रत्येक अस्पताल 100 बेड वाले होंगे। पुणे के पास मेडिसिटी बनाने का ऐलान किया गया है।
लता मंगेशकर के नाम संगीत कॉलेज
स्वर कोकिला के नाम से मशहूर लता मंगेशकर के नाम पर अंतरराष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय बनाया जाएगा। इसके लिए बजट में 100करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पवार ने कहा कि फसल बीमा सुरक्षा के बावजूद किसानों को समय पर नुकसान भरपाई नहीं मिल रही। किसानों के हित में नए विकल्पों पर राज्य सरकार विचार करेगी।