पार्टी ने भले ही उन्हें टिकट नहीं दिया है पर वे चार अक्टूबर को सुबह अपना नामांकन दायर करने वाली हैं, उन्हें डर है कि विधायक मेहता उनपर हमला करवा कर उनकी हत्या करवा सकते हैं। उन्होंने एक पत्र लिखा है कि यदि उनकी हत्या होती है तो इस पत्र को उनका इकबालिया बयान समझा जाए। गीता जैन भाजपा से टिकट हांसिल करने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर चुकी थी और उन्हें विश्वास था की पार्टी उनको टिकट देगी। बुधवार की रात मीरा रोड के शांतिनगर सेक्टर तीन में आयोजित नवरात्री उत्सव में गीता जैन और विधायक नरेंद्र मेहता के समर्थको में झड़प हो गई थी, जिसके बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए नयानगर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है। इस एफआईआर को लेकर जैन का आरोप है कि पुलिस पर दबाव बना कर उन पर और उनके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है।
मीरा भायंदर मिनी राजस्थान के नाम से जाना जाता है शहर में 36 कौम के लोग हैं जो दोनों पर नजर बनाए हुए हैं। सात अक्टूबर को नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है ऐसे में यदि जैन चुनावी मैदान में बनी रहती है तो मीरा भायंदर विधानसभा चुनाव त्रिकोणीय होगा।