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जाने कहां गए वो दिन…चाहे कहीं भी तुम रहो…तुमको ना भूल पाएंगे

locationमुंबईPublished: May 04, 2019 05:21:57 pm

Submitted by:

Devkumar Singodiya

हिंदी सिनेमा के शो मैन राज कपूर के आरके स्टूडियो से जुड़ी है फिल्म जगत की सुनहरी यादें

जाने कहां गए वो दिन

जाने कहां गए वो दिन

मुंबई. जाने कहां गए वो दिन, कहते थे तेरी राह में, नजरों को हम बिछाएंगे…चाहे कहीं भी तुम रहो चाहेंगे तुमको उम्र भर, तुमको ना भूल पाएंगे।
जिस स्टूडियो से न जाने कितनी हिट फिल्में बनी, हिट अभिनेता, कलाकार निकले वह अब इतिहास की बात हो गई है। अभिनेता, निर्देशक राज कपूर स्थापित आरके स्टूडियो बिक चुका है। यहां की जमीन का सौदा हो चुका है। कपूर खानदान की यह धरोहर किसी दूसरे कारोबारी के हाथों में जा चुकी है।
आजादी के तुरंत बाद 1948 में आरके स्टूडियो की स्थापना राज कपूर ने की थी। स्थापना के दूसरे ही साल बरसात नामक फिल्म बनाकर उन्होंने इस स्टूडियो से हिट फिल्में देने का सिलसिला शुरू कर दिया था। मानवीय, सामाजिक विद्रूपताओं पर सीधा प्रहार करने वाली फिल्मों ने राज कपूर को रातों रात हिंदी सिनेमा का शो मैन बना दिया। आवारा, ***** पालिस, बरसात के बाद श्री 420 उनकी फिल्मों ने भले आज के जमाने की तरह कमाई नहीं की, पर हिंदी सिनेमा जगत में सार्थक फिल्मों के रूप में क्रांति मचा दी। मासाला फिल्मों का जब दौर चला तो राज कपूर की फिल्मों ने सुनहले पर्दे पर भले सिल्वर जुबली नहीं मनाई, पर सिनेमा के हर क्षेत्र में रिकार्ड बनाने में पीछे नहीं रहे। हालांकि बाद में बदलते जमाने का टेस्ट समझते हुए जब राज कपूर ने बॉबी फिल्म बनाई तो इसने सफलता के सारे रिकार्ड तोड़ दिए, तब कपूर की इस फिल्म पर अंगुलियां भी उठी। फिल्म में शरीर प्रदर्शन पर उनकी आलोचना भी हुई। राम तेरी गंगा मैली फिल्में भी राज कपूर ने बनाई और व्यवसायिक फिल्मों के क्रेज को आगे बढ़ाया। दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित राज कपूर की आरके स्टूडियो बिकने के बाद भी इसके भारतीय सिने जगत में योगदान को भूलना मुश्किल होगा।

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