पत्रकारों के साथ बातचीत में पोखरकर ने कहा कि राज्य की 48 लोकसभा सीटों में कम से 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी की जा रही है। मुंबई में दो से तीन सीटों पर मराठा कांति मोर्चा प्रत्याशी उतार सकता है।
फडणवीस ने पूरा नहीं किया वादा
निपोखरकर ने कहा कि मराठा क्रांति मोर्चा ने समाज की विभिन्न मांगों के समर्थन में शांतिपूर्वक 58 मोर्चे निकाले। लेकिन उससे समाज को कोई लाभ नहीं हुआ। मोर्चे के बाद मुख्यमंत्री ने मराठा समाज की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया, जो सिर्फ आश्वासन ही बन कर रह गया है। मराठा समाज को आरक्षण देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की जरूर, लेकिन वह भी अदालत के विचाराधीन हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा था कि मराठा आरक्षण की लड़ाई उनकी सरकार लड़ेगी, लेकिन कोर्ट में सरकारी वकील नदारद रहता है।
दर्ज मामले वापस नहीं लिए
उन्होंने कहा कि मराठा युवकों पर दर्ज मामलों को वापल लेने का लिखित आश्वासन मुख्यमंत्री ने दिया था, लेकिन आज तक एक भी मामले वापस नहीं लिए गए हैं। इसी तरह कोपर्डी हत्याकांड के दोषियों को सजा दिलाने का भी आश्वासन मुख्यमंत्री ने दिया था, लेकिन उसका भी पालन नहीं किया जा सका है। एट्रोसिटी एक्ट की वजह से 80 फीसदी युवकों का जीवन बर्बाद हो रहा है, लेकिन सरकार की ओर इस दिशा में अब तक कारगर कदम नहीं उठाया गया है। इसीलिए मराठा क्रांति युवा मोर्चा ने लोकसभा चुनाव लडऩे का निर्णय लिया है।