देरी को बनाया आधार महाजन ने बताया कि राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण का कानून 30 नवम्बर 2018 को बनाया है जबकि नीट ने यह परीक्षा प्रक्रिया 3 नवम्बर को शुरू की। राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन फरवरी 2019 में जारी किया और इसकी सूचना भी नीट संस्थान को देर से दी गई। इस बात को आधार मानते हुए हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने इस पर रोक लगाया। और सुप्रीम कोर्ट ने इसे मान्य करते हुए इस वर्ष मेडिकल शिक्षा प्रक्रिया में मराठा आरक्षण को लागू नहीं करने का निर्देश दिया है।
मराठा छात्रों में रोष उल्लेखनीय है सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका को ख़ारिज करते हुए राज्य के मेडिकल शिक्षा के लिए मराठा आरक्षण को इस वर्ष रोक दिया है। जिसे लेकर मराठा छात्रों में काफी रोष भी है। कई संगठन तो सरकार को चेतावनी भी दे रहे हैं।