गौरतलब है कि मुंबई के विविध इलाकों में चल रहे मेट्रों के काम के लिए ठेकेदार नियुक्त किए गए हैं। इसमें से मेट्रो सात का काम सिनप्लेक्स इन्फ्रास्ट्रचर को दिया गया था। पर उनके काम की गति बहुत धीमी थी। इसे देखते हुए एमएमआरडीए ने उनके अनुबंध को समाप्त कर दिया गया था।
एमएमआरडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने काम को सरलता से पूरा करने के लिए दो भागों में वायटक्ट (पटरी और दूसरे काम) और स्टेशन में बांट दिया है।
इसमें से वायडक्ट का काम जे कुमार करेंगे और स्टेशन का काम एनसीसी पूरा करेंगें। बता दें कि पूरे 16.5 किमी लंबे मेट्रो गलियारे के निर्माण में 960 करोड़ रूपए खर्च होने थे। इसमें वायडक्ट और स्टेशन बनाना शामिल था।
सलाहकार बताएगा कमाई का जरिया
मेट्रो मेट्रो-7 और मेट्रो- 2 कॉरिडोर का काम पूरा होने के बाद एमएमआरडीए अपनी कमाई बढ़ाने के लिए एक सलाहकार नियुक्त करने जा रहा है। यह सलाहकार कमाई बढ़ाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके प्राधिकरण को सौंपेगा।
बता दें कि मेट्रो 7 कॉरिडोर के तहत अंधेरी (पूर्व) से दहिसर (पूर्व) के बीच 16.473 किलोमीटर का काम तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही दहिसर से डीएन नगर के बीच 18.5 किलोमीटर लंबे मेट्रो 2 ए कॉरिडोर का निर्माण कार्य चल रहा है।
इन दोनों स्थानों से कमाई का जरिया तलाशना एमएमआरडीए ने शुरू किया है। बता दें कि मेट्रो वन में स्टेशनों के साथ निजी संस्थानों के नाम जोड़कर विज्ञापन से करोड़ों की कमाई हो रही है। यह सलाहकार इसी तरह के सुझाव एमएमआरडीए को सौंपेगा।