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43 बिल्डरों पर म्हाडा का 135 करोड़ बकाया

locationमुंबईPublished: Jun 10, 2019 08:59:27 pm

Submitted by:

Nitin Bhal

टेंशन: ट्रांजिट कैंप का किया इस्तेमाल, मगर किराया चुकाना भूले, वसूली के लिए म्हाडा ने आयकर विभाग से मांगी मदद

43 बिल्डरों पर म्हाडा का 135 करोड़ बकाया

43 बिल्डरों पर म्हाडा का 135 करोड़ बकाया

मुंबई

सोसायटियों के पुनर्विकास से जुड़े प्रोजेक्ट के लिए डेवलपर्स ट्रांजिट कैंप का इस्तेमाल करते हैं। सोसायटी के रहवासियों को ट्रांजिट कैंप यानी सुविधा शिविर में रहने की जगह दी जाती है। बिल्डरों ने सुविधा शिविरों का भरपूर इस्तेमाल किया, मगर वे म्हाडा को किराया चुकाना भूल गए। 43 बिल्डरों पर म्हाडा का 135 करोड़ 52 लाख रुपए से ज्यादा बकाया है। कई बार नोटिस जारी करने के बावजूद संबंधित बिल्डरों ने बकाया किराया नहीं चुकाया है। इस पैसे की वसूली के लिए म्हाडा ने आयकर विभाग की मदद मांगी है। आयकर विभाग की मदद से बकाएदार बिल्डरों की संपत्ति की पहचान की जाएगी।
म्हाडा ने मेट्रो, स्लम इंप्रूवमेंट बोर्ड, बीडीडी पुनर्विकास परियोजना और म्हाडा के भूखंड पर विकास कार्य करने वाले प्राइवेट डेवलपर्स को ध्यान में रखते हुए सुविधा शिविर प्रदान किए हैं। सुविधा शिविर के इस्तेमाल के बदले म्हाडा डेवलपर्स से किराया लेती है। सुविधा शिविरों का बिल्डरों ने इस्तेमाल तो किया, लेकिन नियमानुसार किराया नहीं चुकाया।
कई बार जारी किया नोटिस

बिल्डर प्राइवेट प्रोजेक्ट के विकास के लिए म्हाडा शिविरों का उपयोग करते थे। मिली जानकारी अनुसार प्राइवेट प्रॉपर्टी के विकास के लिए विभिन्न डेवलपर्स ने शिवड़ी, लोअर परेल, चूना भ_ी शिविरों का इस्तेमाल किया था। लेकिन, किराए का भुगतान नहीं किया गया।
फ्लैट बेच दिए

चूंकि यह रकम बड़ी है, इसलिए म्हाडा अधिकारी इसकी वसूली को लेकर परेशान हैं। हालांकि म्हाडा अधिकारियों के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि जब प्रोजेक्ट चालू थे, उसी दौरान किराया वसूली के लिए सख्ती क्यों नहीं की गई। प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद बिल्डरों ने रहवासियों को उनका फ्लैट दे दिया। अपने हिस्से का फ्लैट बेच कर पैसा भी ले लिया। अब म्हाडा बकाया किराए की वसूली के लिए अंधेरे में तीर चला रही है।
हम वसूलेंगे बकाया

जिन भी डेवलपर्स पर बकाया है, हम उनसे पैसे वसूल करेंगे। आयकर विभाग की मदद से हम बकाएदार बिल्डरों की संपत्तियों का पता लगाएंगे। इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लगेगा, लेकिन वसूली पक्की होगी। जिन डेवलपर्स ने किराया नहीं चुकाया है, उनकी संपत्ति जब्त कर हम बेचेंगे।
– विनोद घोसालकर, चेयरमैन, म्हाडा रिपेयर बोर्ड
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