कई बार जारी किया नोटिस बिल्डर प्राइवेट प्रोजेक्ट के विकास के लिए म्हाडा शिविरों का उपयोग करते थे। मिली जानकारी अनुसार प्राइवेट प्रॉपर्टी के विकास के लिए विभिन्न डेवलपर्स ने शिवड़ी, लोअर परेल, चूना भ_ी शिविरों का इस्तेमाल किया था। लेकिन, किराए का भुगतान नहीं किया गया।
फ्लैट बेच दिए चूंकि यह रकम बड़ी है, इसलिए म्हाडा अधिकारी इसकी वसूली को लेकर परेशान हैं। हालांकि म्हाडा अधिकारियों के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि जब प्रोजेक्ट चालू थे, उसी दौरान किराया वसूली के लिए सख्ती क्यों नहीं की गई। प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद बिल्डरों ने रहवासियों को उनका फ्लैट दे दिया। अपने हिस्से का फ्लैट बेच कर पैसा भी ले लिया। अब म्हाडा बकाया किराए की वसूली के लिए अंधेरे में तीर चला रही है।
हम वसूलेंगे बकाया जिन भी डेवलपर्स पर बकाया है, हम उनसे पैसे वसूल करेंगे। आयकर विभाग की मदद से हम बकाएदार बिल्डरों की संपत्तियों का पता लगाएंगे। इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लगेगा, लेकिन वसूली पक्की होगी। जिन डेवलपर्स ने किराया नहीं चुकाया है, उनकी संपत्ति जब्त कर हम बेचेंगे।
– विनोद घोसालकर, चेयरमैन, म्हाडा रिपेयर बोर्ड