पाटील ने खुद कबूला मंत्री चंद्रकांत पाटील ने स्वयं कबूल किया है कि अधिकारी मंत्रियों को भाव नहीं दे रहे हैं। उन्होंने आप बीती बताई कि एक जिला अधिकारी को संपर्क कर दौरे में शामिल होने को कहा गया तो उसने साफ मना कर दिया कि वह आचार संहिता में नहीं आएगा। जब पाटिल ने उसके कार्यालय में जाकर मिलने की बात कही तब भी उसने इंकार कर दिया और कहा कि बवाल हो जाएगा, आचार संहिता है। किसी ने अखबार में छाप दिया तो गड़बड़ हो जाएगी।
महाजन भी जता चुके नाराजगी इससे पहले गिरीश महाजन ने भी अधिकारियों के दौरे पर नहीं आने को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए दौरा ही रद्द कर दिया था। मंत्रियों की मानें तो ऐसे में अधिकारियों से 23 मई से पहले काम लेना सरकार के लिए बड़ी मुसीबत का काम है। अधिकारी सरकार की सुनने से सीधे बच रहे हैं।
मंत्री भी हुए सुस्त मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने सूखे की विकट स्थिति को देखते हुए सभी पालक मंत्रियों को उनके क्षेत्र का दौरा करने का निर्देश दे रखा है। मंत्रियों ने प्रयास भी किया लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं होने से वे भी सुस्त हो गए हैं।