फडनवीस सरकार का अडानी इलेक्ट्रिसिटी को संरक्षण
3.71 पैसे प्रति यूनिट हो बिजली दर…
आयोग ने उन सभी को मिलने वाली फीस बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया है। इस बीच बिजली दरों को लेकर एईएमएल ने आयोग को एक याचिका प्रस्तुत की है। इस याचिका के अनुसार, 2017-18 व 2018-19 इन दो वर्षों में कंपनी को 92.72 व 54.20 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हुआ। वहीं चालू 2019-20 वर्ष में कंपनी को 22.17 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की संभावना है, लेकिन अगले पांच वर्षों के लिए कंपनी को अभी भी 1713.44 से 1768.72 करोड़ रुपये के राजस्व की आवश्यकता होगी। इस बीच बिजली की आपूर्ति की लागत और भी बढ़ सकती है, अगर उसी अवधि के दौरान ट्रांसमिशन शुल्क में वृद्धि हो। इसलिए यह प्रस्तावित किया गया है कि अगले पांच वर्षों के लिए न्यूनतम बिजली दर 3.71 पैसे प्रति यूनिट होनी चाहिए।
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5.50 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंचेगी बिजली दर…
अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड की एक याचिका पर महाराष्ट्र राज्य विद्युत नियामक आयोग के कफ परेड में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के कार्यालय में मंगलवार को पहली सुनवाई होगी। इसके अलावा कंपनी आज तक आपत्तियों का जवाब देगी। यदि वह जवाब संतुष्ट नहीं है तो संबंधित ग्राहक, संघ या बिजली उपयोगकर्ता 10 जनवरी तक अपनी आपत्तियां और सुझाव प्रस्तुत कर सकेंगे। इस बीच अदानी मुंबई के उपनगरों में बिजली की आपूर्ति करता है। बांद्रा से भयंदर और सायन से मानखुर्द तक बिजली की आपूर्ति भी प्रदान की जाती है। वर्तमान में यह 100 यूनिट के बाद तक घरेलू उपयोग के लिए 3 रुपए लिए जाते हैं, जो अन्य शुल्कों के साथ कुल 4.77 रुपए प्रति यूनिट शुल्क हो जाता है। इसलिए अगर आयोग प्रस्ताव को स्वीकार करता है तो दर 5.50 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच जाएगी।