शहर को पीने का पानी देने वाली सात झीलों में अब 30 से 35 दिनों तक का पानी रह गया है। दरअसल बारिश नहीं होने से मुंबई को आपूर्ति करने वाले जलाशय प्रभावित हुए है और उनमें अब जुलाई के आखिरी हफ्ते तक का पानी बचा हुआ हैं।
मुंबई को रोजाना 3850 मिलियन लीटर पानी की जरूरत होती है। लेकिन मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाली झीलों में सिर्फ 11 फीसदी पानी बचा है। वर्तमान में इन झीलों में 160831 मिलियन लीटर पानी है, जबकि पिछले वर्ष यह 186719 मिलियन लीटर था। अभी अपर वैतरणा में एक मिलियन लीटर भी पीने योग्य पानी नहीं बचा है। जबकिमोडक सागर में 48357 मिलियन लीटर, तानसा में 6088 मिलियन लीटर, मध्य वैतरणा में 23719 मिलियन लीटर, भातसा में 76788 मिलियन लीटर, विहार में 3715 मिलियन लीटर और तुलसी में 2164 मिलियन लीटर पानी शेष है।
जानकारी के अनुसार, जून के अंत में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) पानी की आपूर्ति की समीक्षा करेगा और हालात के मुताबिक निर्णय लेगा। इस बीच, एक राहत भरी खबर यह है कि मौसम विभाग ने अगले दो से तीन दिनों में कोंकण और मध्य महाराष्ट्र में भारी बारिश की संभावना जताई है। इससे मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों में बारिश रफ्तार पकड़ेगी। 19 जून से मुंबई और उससे सटे उपनगरों में भारी बारिश के आसार हैं, वहीं कुछ जगहों पर मूसलाधार बारिश की भविष्यवाणी मौसम विभाग ने की है।