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Mumbai News : कोवैक्सीन के ट्रायल की तैयारी पूरी, हासिल हो सकती है बड़ी सिद्धि

locationमुंबईPublished: Jul 07, 2020 06:18:23 pm

Submitted by:

Binod Pandey

डॉ. इला ने कहा कि हम कोवैक्सीन को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं। जानवरों पर कोवैक्सीन का परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा है। नतीजे देखने के बाद ही इस वैक्सीन के इंसानी परीक्षण के लिए आवेदन किया गया। अब तक वैक्सीन के जो भी परीक्षण किए गए हैं, वे अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइंस के मुताबिक हैं। वैक्सीन कब तक उपलब्ध होगी? डॉ. इला ने कहा कि इस बारे में हम कुछ नहीं कह सकते। सरकार बेहतर जवाब दे सकती है।

Oxford-AstraZeneca Coronavirus Vaccine produce immune response in First human Trial

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
पुणे. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के सहयोग में भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई स्वदेशी कोरोना रोधी वैक्सीन के ट्रायल की तैयारी पूरी हो गई है। दो समूहों में 1,100 लोगों को कोवैक्सीन का टीका लगाया जाएगा। वैक्सीन का टेस्ट ऐसे लोगों पर होगा, जो कोरोना संक्रमित नहीं हैं। गर्भवती महिलाओं, 65 साल से Óयादा उम्र के बुजुर्गों और बच्चों पर फिलहाल वैक्सीन का परीक्षण नहीं होगा। हैदराबाद आधारित भारत बायोटेक के प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा इला ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की सफलता को लेकर हम आश्वस्त हैं। कोवैक्सीन के इंसान परीक्षण के नतीजे आने के बाद भारत की क्षमता को लेकर दुनिया भर मेें जताई जा रहीं आशंकाएं निर्मूल साबित होंगी। जो लोग हमारी क्षमता पर सवाल उठा रहे हैं, वे भूल रहे हैं कि वैक्सीन बनाने में हमें महारत हासिल है।
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ऐसे होगा टेस्ट
कोवैक्सीन का टेस्ट दो चरणों में होगा। पहले चरण में 375 लोगों को टीका लगाया जाएगा। दूसरे चरण में 750 लोगों को वैक्सीन दी जाएगी। दोनों ही चरणों में वालिंटियर्स के दो ग्रुप बनाए जाएंगे। एक ग्रुप को असली टीका लगाया जाएगा, जबकि दूसरे ग्रुप को प्लेस्बो (डुप्लीकेट) वैक्सीन दी जाएगी। दोनों समूहों में शामिल वालिंटियर्स के स्वास्थ्य की निगरानी की जाएगी। अंत में आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलेगा कि टीका लगाने के बाद वालिंटियर्स के शरीर में कोविड-19 रोधी एंटीबॉडी बनी या नहीं।
गाइडलाइन का पालन
डॉ. इला ने कहा कि हम कोवैक्सीन को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं। जानवरों पर कोवैक्सीन का परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा है। नतीजे देखने के बाद ही इस वैक्सीन के इंसानी परीक्षण के लिए आवेदन किया गया। अब तक वैक्सीन के जो भी परीक्षण किए गए हैं, वे अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइंस के मुताबिक हैं। वैक्सीन कब तक उपलब्ध होगी? डॉ. इला ने कहा कि इस बारे में हम कुछ नहीं कह सकते। सरकार बेहतर जवाब दे सकती है।
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हमारी क्षमता पर शंका न करें
डॉ. इला ने कहा कि वैक्सीन बनाने की भारतीय क्षमता पर किसी को शक नहीं करना चाहिए। आशंकाएं निर्मूल साबित होंगी। हम कोई क”ाी गोलियां नहीं खेल रहे। इस दौड़ में भारत किसी से पीछे नहीं है। दूसरे देशों को हम कमतर नहीं आंक रहे। विदेशी संस्थाओं ने वैक्सीन बनाने के लिए भारतीय कंपनियों से हाथ मिलाया है।
एनआईवी से मिला सहयोग
कोवैक्सीन तैयार करने में डॉ. इला ने आईसीएमआर की संस्था एनआईवी (पुणे) की सराहना की। बताया कि माइक्रोग्राम और इलेक्ट्रोग्राम इत्यादि का परीक्षण एनआईवी के वैज्ञानिकों ने किया है। एनआईवी ने ही कोविड-19 वायरस का स्ट्रेन आइसोलेट किया था। इसी पर रिसर्च के जरिए भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन तैयार की है।
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