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Mumbai News : जनजातीय क्षेत्र में अनोखी पहल : घर-घर पहुंच पढा रहे हैं शिक्षक

locationमुंबईPublished: Jul 24, 2020 05:06:49 pm

Submitted by:

Binod Pandey

पालघर के जनजातीय क्षेत्रो में रहने वाले हजारों छात्र ऑनलाइन शिक्षा से कोसो दूर है। कई दूर-दराज के गांव में रहने वाले बच्चों के पास मोबाइल, इंटरनेट नहीं होने से उनके लिए ऑनलाइन पढ़ाई करना संभव नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में तलासरी तालुका के जिला परिषद के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों ने ‘शिक्षक आपके द्वार’ नामक एक अनूठी पहल की शुरुआत की है।

Mumbai News : जनजातीय क्षेत्र में अनोखी पहल :  घर-घर पहुंच पढा रहे हैं शिक्षक

Mumbai News : जनजातीय क्षेत्र में अनोखी पहल : घर-घर पहुंच पढा रहे हैं शिक्षक

 योगेंद्र सिंह
पालघर. कोरोना महामारी के चलते सभी स्कूल बंद हैं और बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई में कई तरह की चुनौतियां हैं। सरकारी स्कूल खासकर प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाना तो टेढ़ी खीर है। किसी के पास मोबाइल नहीं तो कहीं नेटवर्क की समस्या है। इन चुनौतियों का सामना करते हुए शिक्षक संसाधनों की कमी के बीच अपनी रचात्मकता, लगन के सहारे बच्चों को घर-घर जाकर पढ़ाने में जुटे हैं।
पालघर के जनजातीय क्षेत्रो में रहने वाले हजारों छात्र ऑनलाइन शिक्षा से कोसो दूर है। कई दूर-दराज के गांव में रहने वाले बच्चों के पास मोबाइल, इंटरनेट नहीं होने से उनके लिए ऑनलाइन पढ़ाई करना संभव नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में तलासरी तालुका के जिला परिषद के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों ने ‘शिक्षक आपके द्वार’ नामक एक अनूठी पहल की शुरुआत की है। करीब 200 शिक्षक रोजाना चार से आठ तक की कक्षाओ में पढऩे वाले करीब 1500 छात्रों को उनके घर जाकर पढ़ा रहे है। शिक्षकों का कहना है, कि इस मुहिम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को यह आभास कराना है, कि स्कूल भले ही बंद है। लेकिन उनकी पढ़ाई बंद नही है।
स्वाध्याय पुस्तक हो रही लोकप्रिय
शिक्षकों का कहना है, कि कोरोना के चलते उनकी संख्या कम है। जिससे वह क्रमश: छात्रो तक पहुँच रहे है। और उन्हें स्वअध्याय नामक पुस्तक दी जा रही है। जिसे शिक्षकों के समूह ने तैयार की है। स्वाध्याय पुस्तक में पाठ्यक्रम को ऐसे तैयार किया गया है। जिससे छात्र आसानी से और कम समय मे समझ सके। पुस्तक छात्रो में काफी लोकप्रिय हो रही है।
कम हुआ अमीरी गऱीबी का फासला
जिले के कान्वेंट स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन जनजातीय क्षेत्रो में रहने वाले गरीब तबके के हजारो बच्चे सुबिधाओं के अभाव में ऑनलाइन शिक्षा से वंचित थे। जिससे उनमें अशिक्षा बढ़ रही थी। शिक्षकों की पहल से शिक्षा में अमीरी-गरीबी का फासला कम होगा।

शिक्षकों की पहल को लोगो ने सराहा
शिक्षकों ने जब ‘शिक्षक आपके द्वार’ नामक अनूठी पहल की शुरुवात की तो इस बीच कई ने ये सोचा कि गुरुजी कोरोना सर्वे को लेकर आए होंगे, लेकिन जब उन्होंने छात्रों को पढ़ाई के नोट्स थमाए तो कई ग्रामीणों ने स्कूल के कार्यों की सराहना की।


स्कूल के बंद होने के बाद बच्चे के भविष्य की चिंता सता रही थी। शिक्षकों का प्रयास ग्रामीण क्षेत्रो में रहने वाले गरीब छात्रो के लिए संजीवनी है।

दीपक कोम, अभिभावक कवाड़ा


ग्रामीण क्षेत्रो के ज्यादातर विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए सुविधा नहीं थी। ऐसे में शिक्षकों ने आपस मे मिलकर तय किया कि वह विद्यार्थियों से डोर-टू-डोर संपर्क करेंगे।
-ज्ञानेश्वर फकीरा पाटील, शिक्षक प्राथमिक स्कूल तलासरी

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