scriptMumbai News: दुकानों के बाहर मराठी साइनबोर्ड न लगाने वालों की अब खैर नहीं, एक्शन मोड में आई बीएमसी | Mumbai News: BMC in action mode is not good for those who do not put up Marathi signboards outside shops | Patrika News
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Mumbai News: दुकानों के बाहर मराठी साइनबोर्ड न लगाने वालों की अब खैर नहीं, एक्शन मोड में आई बीएमसी

मुंबई में अब बीएमसी एक्टिव मोड में आ गई हैं। कई दुकानदारों ने अब भी अपनी दुकानों या प्रतिष्ठानों के बाहर मराठी भाषा में साइनबोर्ड नहीं बदले हैं। वहीं, सोमवार से अब बीएमसी ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में जुटी है।

मुंबईOct 07, 2022 / 02:56 pm

Siddharth

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Marathi Signboards

मुंबई से एक बड़ी खबर सामने आ रही हैं। शहर में दुकानदारों को अपनी दुकानों पर मराठी भाषा में साइनबोर्ड लगाने के लिए कई बार बीएमसी ने समय सीमा बधाई थी। लेकिन इसके बावजूद अब भी कई दुकानदारों ने बीएमसी के आदेश का पालन नहीं किया है। ऐसे में सोमवार से बीएमसी ने अब ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया है जिन्होंने चार एक्सटेंशन दिए जाने के बावजूद भी अपने प्रतिष्ठानों या दुकानों पर मराठी भाषा में साइनबोर्ड नहीं लगाए हैं।
इसी मामले को लेकर डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्नर (स्पेशल) संजोग काबरे ने बताया कि हम देखेंगे कि कितने दुकानदारों ने अपनी दुकानों पर मराठी में साइनबोर्ड लगाए हैं। इस दौरान अगर हमें कोई दोषी मिलता है, तो हम सात दिनों के अंदर साइनबोर्ड स्थापित करने की चेतावनी देंगे, अगर वे तब भी आदेश का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कानून के मुताबिक एक्शन लिया जाएगा।
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बता दें कि संजोग काबरे ने आगे बताया कि हम कानून के मुताबिक उस दुकानदार से प्रति स्टाफ 2 हजार रुपये का जुर्माना वसूल सकते हैं। अगर कोई जुर्माना भरने से मना करता है, तो छोटी अदालत में एक जांच रिपोर्ट पेश की जाएगी और पेनाल्टी वसूल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुंबई में करीब 5 लाख दुकानें हैं। हमने लगभग 2 लाख दुकानों का दौरा किया और उनमें से करीबन 1 लाख दुकानों ने मराठी साइनबोर्ड लगाए हैं।
https://youtu.be/wM1od64iz5g
इस साल मार्च में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार ने फैसला किया था कि महाराष्ट्र की सभी दुकानों को देवनागरी लिपि में मराठी साइनबोर्ड प्रदर्शित करना होगा। अगर बोर्ड एक से अधिक भाषाओं में नाम प्रदर्शित करते हैं, तो मराठी फॉन्ट अन्य लिपियों से छोटा नहीं होना चाहिए।
खत्म हो चुकी है डेडलाइन: बता दें कि दुकानदार संघ ने बीएमसी से मराठी साइनबोर्ड बनाने के लिए पर्याप्त समय देने की अपील की थी, क्योंकि की दुकानों पर फैंसी साइनबोर्ड लगे हुए हैं और ऐसे साइनबोर्ड बनाने के लिए आर्टिस्ट समय से नहीं मिलते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि फैंसी साइनबोर्ड बनाना ज्यादा समय लेने वाला प्रोसेस है। दुकानदार संघ की शिकायतों को सुनने के बाद ही बीएमसी ने समय सीमा 30 सितंबर तक बढ़ा दी थी।
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