सिंधी समाज के महापर्व पर शोभायात्रा
उल्हासनगर. सिंधी समाज के पर्व पूज्य चालीहा साहेब पर्व का रविवार को समापन हुआ। इस अवसर पर भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया तथा पंद्रह हजार लोगों ने मटकी जल में विसर्जित की। ज्ञात हो कि लगभग छह सौ साल से पूज्य चालीहा व्रत धारण किया जाता है क्यूंकि सिंधु नदी के किनारे सिंधी समाज के लोगों ने भूखे प्यासे रहकर वरुण देव की पूजा अर्चना की थी तब जाकर वरुण देव भगवान झूलेलाल के रूप में अवतरित हुए और अत्याचारी मिर्ख बादशाह के धर्मपरिवर्तन कराने पर लगाम कसी थी।
तब से आज तक चालीस दिनों का व्रत पूज्य चालीहा साहेब मंदिर (सरकार द्वारा तीर्थ स्थल घोषित ) कैंप पांच में तथा भाऊ परसराम झूलेलाल मंदिर कैंप एक में मनाया जाता है। इस अवसर पर पंद्रह हजार महिला पुरुषों ने मटकी (घड़ा) जल में परवान कर व्रत छोड़ा। इस अवसर पर हिरा घाट परिसर तक शोभायात्रा निकली गयी।
जिसमें विभिन्न देवी देवताओं की झांकियां थी। पारंपरिक परिधानों में लोगों ने नाच गाकर मंत्रमुग्ध किया। यह कार्यक्रम मंदिर के हर्ता कर्ता भाऊ लीलाराम के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। हिरा घाट पर जल की पूजा और आरती कर सबके भले के कामना की गयी।