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Mumbai News : आस्था के साथ मनाया गया चालिहा महोत्सव

locationमुंबईPublished: Aug 26, 2019 02:27:53 pm

Submitted by:

Binod Pandey

40 दिनों तक चले महोत्सव में हर शाम आशीष तालाब के तट पर जल देवता झूलेलाल की जय-जय कार से पूरा इलाका भक्तिमय हुआ करता था। शनिवार देर रात तक चले चालिया महोत्सव में सिंधी समाज के लोगों ने आस्था के प्रतीक जल देवता की पूजा-अर्चना की और भजन संध्या का आयोजन किया।

Mumbai News : आस्था के साथ मनाया गया चालिहा महोत्सव

Mumbai News : आस्था के साथ मनाया गया चालिहा महोत्सव

मुंबई . चालीस दिनों तक चले चालिया महोत्सव को सिंधी समाज के श्रद्धालुओं ने श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया। 40 दिनों तक चले महोत्सव में हर शाम आशीष तालाब के तट पर जल देवता झूलेलाल की जय-जय कार से पूरा इलाका भक्तिमय हुआ करता था। शनिवार देर रात तक चले चालिया महोत्सव में सिंधी समाज के लोगों ने आस्था के प्रतीक जल देवता की पूजा-अर्चना की और भजन संध्या का आयोजन किया। चेंबूर के आर सी मार्ग पर स्थित आशीष तालाब के तट पर हर शाम लगने वाला जमघट अब एक साल बाद ही दिखाई देगा। चालीस दिनों तक चले चालिया महोत्सव को सिंधी समाज के श्रद्धालुओं ने श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया। जल देवता झूलेलाल की जय-जयकार करने वाले श्रद्धालुओं ने उन्हें नम आंखों से बिदाई दी। 16 जुलाई से शुरू हुए चालिया महोत्सव 24 अगस्त जन्माष्टमी को समाप्त हुआ। मान्यताओं के अनुसार आस्था के प्रतीक झूलेलाल मानवता के पुजारी थे। इस मौके पर शिवसेना के विधायक प्रकाश फातर्पेकर, तुकाराम काते, संजय असरानी, नगरसेविका अंजली नाईक, भाजपा नगरसेवक महादेव शिवगण के अलावा क्षेत्र के समाजसेवक संजय असरानी व उनकी माताजी मंजू विनोद असरानी, जीतू भाई, कुनाल जाधवानी, प्रेम असरानी आदि गणमान्य मौजूद थे।

सिंधी समाज के महापर्व पर शोभायात्रा
उल्हासनगर. सिंधी समाज के पर्व पूज्य चालीहा साहेब पर्व का रविवार को समापन हुआ। इस अवसर पर भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया तथा पंद्रह हजार लोगों ने मटकी जल में विसर्जित की। ज्ञात हो कि लगभग छह सौ साल से पूज्य चालीहा व्रत धारण किया जाता है क्यूंकि सिंधु नदी के किनारे सिंधी समाज के लोगों ने भूखे प्यासे रहकर वरुण देव की पूजा अर्चना की थी तब जाकर वरुण देव भगवान झूलेलाल के रूप में अवतरित हुए और अत्याचारी मिर्ख बादशाह के धर्मपरिवर्तन कराने पर लगाम कसी थी।
तब से आज तक चालीस दिनों का व्रत पूज्य चालीहा साहेब मंदिर (सरकार द्वारा तीर्थ स्थल घोषित ) कैंप पांच में तथा भाऊ परसराम झूलेलाल मंदिर कैंप एक में मनाया जाता है। इस अवसर पर पंद्रह हजार महिला पुरुषों ने मटकी (घड़ा) जल में परवान कर व्रत छोड़ा। इस अवसर पर हिरा घाट परिसर तक शोभायात्रा निकली गयी।
जिसमें विभिन्न देवी देवताओं की झांकियां थी। पारंपरिक परिधानों में लोगों ने नाच गाकर मंत्रमुग्ध किया। यह कार्यक्रम मंदिर के हर्ता कर्ता भाऊ लीलाराम के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। हिरा घाट पर जल की पूजा और आरती कर सबके भले के कामना की गयी।
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