वन विभाग के अधिकारियों को भरोसा है कि एकबार प्लास्टिक सर्जरी सफल होने के बाद यह अजगर पूरी तरह से स्वस्थ हो सकता है। 10 फीट लंबा एक अजगर बुरी तरह से जख्मी है। उसके शरीर पर कई तरह के फ्रैक्चर हैं और वह चोटों की वजह से वह तड़प रहा है। यह एक इंडियन रॉक पाइथन है, जिसे वन विभाग के अधिकारियों और रिस्किंक एसोसिएशन फॉर वाइल्डलाइफ वेलेयर ने मुंबई से पिछले महीने में रेस्क्यू किया था।
बता दें कि वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह रेप्टाइल अभी पशुचिकित्सकों और एनिमल रेस्क्यूअर्स की देखरेख में है और वही इसका इलाज करके ठीक करने का प्रयास कर रहे हैं। जिस दिन इस अजगर को मुंबई से रेस्क्यू किया गया था, उसी दिन से कई फ्रैक्चर और चोटों की वजह से इसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। रेस्क्यू किए जाने के समय अजगर का वजह 16 किलो था। उसे सेंट्रल मुंबई के वडाला इलाके से रेस्क्यू किया गया था। इस अजगर की जान अभी खतरे से बाहर नहीं है। इसकी जान बचाने और इसकी सेहत को ठीक करने के लिए पशुचिकित्सकों के सामने केवल एक ही मेडिकल प्रोसेड्योर बच गया है, उसके बाद ही इसकी सेहत पूरी तरह से सुधरने और इसकी जान बचना संभव है।
मोर की सर्जरी से बचाई गई है जान: महाराष्ट्र वन विभाग का मनोबल हाल ही की एक घटना के कारण बढ़ा गया है। हाल ही में राजभवन से एक टूटे पैरों वाले मोर को रेस्क्यू किया गया था। जिसके बाद बाद मोर की सर्जरी की गई और वह तेजी से रिकवर कर रहा है। RAWW के फाउंडर और महाराष्ट्र वन विभाग के मानद वाइल्डलाफ वार्डन पवन शर्मा ने लोगों से यह भी अपील की है कि अगर उन्हें कोई घायल या संकट में फंसा वन्यजीव मिले तो फौरन वन विभाग और एनिमल रेस्क्यूअर्स को सूचित करे, जिससे उनका तुरंत इलाज हो सके।