वहीं इस मामले में पीड़िता व्यापारी टेकचंदानी ने कहा कि उन्होंने छगन भुजबल को अपने मोबाइल फोन से दो वीडियो भेजा था। इस वीडियो में भुजबल ने हिंदू धर्म का अपमान करते हुए भाषण दिया था। पीड़ित का कहना है कि वीडियो भेजने के तत्काल बाद उन्हें वॉट्सएप कॉल और मैसेज के जरिए जान से मारने की धमकी मिलने लगी।
गौर हो कि मराठी में भेजे गए मैसेज को अनुवादित किया गया है। जिसके अनुसार धमकाने वाले ने कहा कि तुमने भुजबल साहब को मैसेज भेजा है, तुम्हारे घर आकर तुम्हे गोली मार देंगे। साथ ही कहा गया कि दुबई के लोगों को तुम्हारे पीछे छोड़ दूंगा। इस मामले की शिकायत मिलने के बाद अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि पीड़ित को ये मैसेज और कॉल किसने किया है।
उल्लेखनीय है कि एनसीपी नेता छगन भुजबल ने इससे पहले सूबे के स्कूलों में देवी सरस्वती की मूर्ति की उपस्थिति पर सवाल खड़ा किया था। मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान भुजबल ने कहा था कि स्कूलों में सावित्री फुले, ज्योतिबा फुले, शाहू महाराज, भाऊराव पाटिल और भीमराव आम्बेडकर की मूर्तियां लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा था कि इन समाज सुधारकों के बजाय, देवी सरस्वती और शारदा की मूर्तियां स्कूलों में लगी हैं, हमने उन्हें नहीं देखा है और उन्होंने हमें कुछ भी नहीं सिखाया है। इसलिए हम उनके सामने प्रार्थना क्यों करें?