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Mumbai News : भारतीय भाषाओं से उपजी स्वतंत्रता आंदोलन की आग

आजादी के आंदोलन में भाषाओं के योगदान पर वक्ताओं ने कहा
भारतीय भाषाओं और सिने गीतों ने देशभक्ति का जज़्बा पैदा किया

मुंबईAug 14, 2019 / 01:20 pm

Binod Pandey

Mumbai News : भारतीय भाषाओं से उपजी स्वतंत्रता आंदोलन की आग

मुंबई. रंग दे बसंती,’ फेम फि़ल्म लेखक कमलेश पांडेय ने लोखंडवाला कविता क्लब की ओर से आयोजित आजादी के आंदोलन में भाषाओं के योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि इंकलाब जिंदाबाद, करो या मरो, स्वराज्य हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है. .. आदि नारे भाषा की ताक़त के बेहतरीन नमूने हैं। भारतीय भाषाओं ने आज़ादी के आंदोलन को आगे बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान दिया। सिनेमा के कई गीत ऐसे हैं जिन्होंने लोगों में देशभक्ति का जोश और जज़्बा पैदा किया।

आभार सभागार लोखंडवाला मुंबई में आयोजित इस कार्यक्रम में अभिनेत्री असीमा भट्ट ने झारखंड के संथाल परगना के आदिवासियों के उस आंदोलन का मंजऱ पेश किया जिसकी अगुवाई बिरसा मुंडा और तिलका मांझी जैसे क्रांतिकारियों ने की थी। डॉ मंजुला देसाई ने आज़ादी के आंदोलन में हिंदी के अलावा मराठी, गुजराती, पंजाबी, बंगला आदि भाषाओं के योगदान को रेखांकित किया। वरिष्ठ साहित्यकार प्रो नंदलाल लाल पाठक ने कहा कि भाषा लोगों को एकजुट करने का बहुत बड़ा माध्यम है। कवि विजय कुमार ने कहा कि अनुवाद में भावों की गहराई, नाद सौंदर्य, ध्वन्यात्मकता और व्यंजना उसी रूप में आनी चाहिए जैसे वह मूल कविता में होती है। हरीश भिमानी ने कारपोरेट जगत के अनुवाद की अनुपम झांकी प्रस्तुत की। वरिष्ठ कथाकार जितेन्द्र भाटिया ने कहा कि अगर अनुवादक स्वयं लेखक है तो ख़तरा यह है कि वह हर अनुवाद पर अपनी शैली की छाप छोड़ देगा। कवयित्री अनुराधा सिंह, कथाकार ओमा शर्मा और कथाकार मनहर चौहान ने अनुवाद से जुड़े रोचक अनुभव साझा किए।

संस्था अध्यक्ष केशव राय ने प्रस्तावना पेश की। कार्यक्रम का संचालन देवमणि पांडेय ने किया। कथाकार हरीश पाठक ने आगामी आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की। दीनदयाल मुरारका ने आभार व्यक्त किया। आयोजक थे अशोक शेखर और सतीश अग्रवाल। संयोजन अभिनेता अभिषेक पांडेय और आरजे रहमत सैयद ने किया।

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