डंपिंग ग्राउंड से निकलने वाले धुएं से कमलारमन मामा नगर इलाके के लोग ज्यादा प्रभावित हैं। इस प्रदूषण से यहां के लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। देश जहां आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। हर घर तिरंगा फहराया जा रहा है, वहीं मुंबईकर अपने घरों में प्रदूषण मापक यंत्र लगाने को मजबूर हैं।
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बता दें कि इस इस प्रदूषण के बारे में स्थानीय लोग नैशनल ग्रीन ट्रिब्युनल, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और बीएमसी के कमिश्नर को बता चुके हैं, लेकिन प्लांट को स्थानांतरित करने के लिए केवल तारीख बदली जा रही है। गोवंडी न्यू संगम वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष फैयाज आलम शेख ने कहा कि प्लांट से होनेवाले प्रदूषण को न ही बीएमसी मान रही है और न ही एमपीसीबी। इसलिए इन्हें सच्चाई बताने के लिए इलाके के लोगों ने वायु प्रदूषण मापक यंत्र लगाने का फैसला किया है। इस प्लांट के आसपास रहनेवाले निवासी मास्क लगाने पर मजबूर हैं। इसी इलाके में रहनेवाली 60 वर्षीय जारा शेख ने बताया कि यहां के लोग बिना मास्क के नहीं रह सकते हैं। जहरीला धुआ निकलने से लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। यहां के लोग टीबी, दमा और कैंसर जैसी घातक बीमारी के शिकार हो रहे हैं। इस मामले पर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जॉइंट डायरेक्टर वीएम मोटगिरे ने कहा कि बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट को स्थानांतरित करने की दिशा में काम किया जा रहा है। जल्द ही यहां के लोगों को राहत मिल जाएगी।