मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए 17.72 करोड़ रुपए खर्च कर पटरियों के नीचे स्पेस को और बढ़ाया जाएगा। रेलवे इंजीनियरों के मुताबिक, पटरियों के नीचे का स्पेस जितना चौड़ा होता है यात्रा के दौरान उतने ही कम झटके लगते हैं। इसके साथ ही ब्रिज, ओवर हेड वायरिंग को भी मजबूत किया जाएगा और सिग्नल सिस्टम को भी मजबूत किया जाएगा।
इसके अलावा मुंबई से दिल्ली के बीच स्थाई गति अवरोधकों को भी हटा दिया जाएगा। पूरे रूट पर आरसीसी की दीवार या वायर फेसिंग होगा जिससे कोई ट्रेस पासिंग न हो।
क्या है मिशन रफ्तार: मिशन रफ्तार के अंतर्गत मुंबई से दिल्ली के बीच चलने वाली ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाकर 160 किमी प्रति घंटा कर दिया जाएगा।
मुंबई से दिल्ली कॉरिडोर पर ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाने के लिए इंफ्रॉस्ट्रक्चर को मजबूती दी जाएगी।
मिशन रफ्तार को मार्च 2024 तक पूरा करने की डेडलाइन रखी गई है।
मुंबई से दिल्ली 1 हजार 384 किलोमीटर की दुरी अब 16 की बजाय 12 घंटे में होगा।
बता दें कि जल्द ही पूरे कॉरिडोर में मुंबई सेंट्रल से नागदा के बीच 694 किमी का काम शुरू हो जाएगा। वेस्टर्न रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इस भाग के लिए 931 करोड़ के 80 प्रतिशत सिविल वर्क के टेंडर तय किए जा चुक हैं। अभी भी 11 टेंडरों को हरी झंडी मिलनी बाकी है। इसके साथ ही बता ट्रेनों की स्पीड को 200 किमी तक बढ़ाया जा सकता है। स्पीड बढ़ाने के लिए ट्रैक की मजबूती पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।