चौधरी ने कहा कि छात्रों की पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए हमने सभी विकल्पों पर विचार किया। इसके बाद ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प चुना गया। यह फैसला छाओं के हित में है। हम समय पर छात्रों की पढ़ाई शुरू करना चाहते हैं ताकि पाठ्यक्रम पूरा करने में कोई दिक्कत न हो। मौजूदा हालात में ऑनलाइन पढ़ाई आसानी से हो सकती है। उन्होंने कहा कि संस्थान में पढ़ाई कर रहे छात्रों को इस बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
आईआईटी-बांबे के फैसले के बाद देश के अन्य संस्थान भी ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने के बारे में विचार कर रहे हैंं। अत्याधुनिक संसाधनों से लैस आईआईटी बांबे कई बार ऑनलाइन वेबिनार कर चुका है।
चौधरी ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई के लिए हम गरीब छात्रों को लैपटॉप देंगे। इसके लिए कुछ पैसे जमा किए गए हैं। लेकिन, सभी छात्रों को लैपटॉप देने के लिए हमारे पास पर्याप्त धन नहीं है। उन्होंने गरीब छात्रों की पढ़ाई में मदद के लिए आम लोगों से मदद की अपील की है।