19 वर्ष पहले इस मंदिर का निर्माण किया गया था। मंदिर के दरवाजे के बायीं ओर शिवलिंग बना हुआ है और थोड़ा आगे जाने पर राधेकृष्ण का मंदिर है। यह मूर्ती इतनी आकर्षक है कि बिल्कुल जीवंत लगती है। रोज भगवान का श्रृंगार किया जाता है और नित नए वस्त्र पहनाये जाते हैं। मंदिर के आगे एक बहुत बड़ी गौशाला बनी हुयी है। जहां गाय माता की सेवा की जाती है और उन्हें पालक गाजर खिलाया जाता है। मंदिर के प्रमुख सेवाधारी गोकुल ने बताया कि गायों को पालक और गाजर खिलाने के लिए भक्तों से निम्न राशि है तथा गाय का दूध बेचा जाता है।
इस राशि से हर माह गरीबों को मुफ्त अनाज दिया जाता है। जरूरतमंद बच्चियों की शादी ब्याह पर खर्च किया जाता है तथा विभिन्न बीमारियों का नि:शुल्क उपचार किया जाता है, जिसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टर मंदिर में आते हैं। इसके अलावा मंदिर के ऊपर बने सभागृह का उपयोग गरीब लड़कियों के शादी ब्याह और सत्संग हेतु किया जाता है। देश भर से कई साधू महात्मा और सिद्धपुरुष इस मंदिर में प्रवचन करने आते हैं। जम्मू से स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज यहां पधारे थे और अपने पावन प्रवचन से भक्तों को ज्ञान और भक्ति का मार्ग प्रशस्त किया।
इस बार भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी राधे कृष्ण मंदिर में हर्षोल्लास से मनाई जाएगी। इस अवसर पर मटकी फोडऩे का कार्यक्रम होगा तथा रात को प्रसिद्ध भजन गायक विनोद अग्रवाल के शिष्य मनीष का भक्तिमय भजनों का कार्यक्रम 23 अगस्त को आयोजित होने वाला है।