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Mumbai News : अनलॉक-01: लॉकडाउन में सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को अब मिलेगी रफ्तार

locationमुंबईPublished: Jun 18, 2020 05:20:40 pm

Submitted by:

Binod Pandey

औद्योगिक रूप से अगड़े महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक आदि राज्यों में हजारों श्रमिक ( Labour ) लौटे हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार ( Employment ) अवसर बढऩे से बेरोजगारी कम हुई है। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़े इस पर मुहर लगाते हैं। सीएमआईई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेश व्यास ने बताया कि बेरोजगारी दर लॉकडाउन ( LockDown ) से पहले के स्तर पर पहुंच गई है।

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Mumbai News : अनलॉक-01: लॉकडाउन में सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को अब मिलेगी रफ्तार

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मुंबई. देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अनलॉक-01 के तहत दी गई ढील के अनुकूल संकेत दिखने लगे हैं। लॉकडाउन के दौरान गांव-घर गए प्रवासी मजदूर अब काम की तलाश में लौटने लगे हैं। औद्योगिक रूप से अगड़े महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक आदि राज्यों में हजारों श्रमिक लौटे हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार अवसर बढऩे से बेरोजगारी कम हुई है। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़े इस पर मुहर लगाते हैं। सीएमआईई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेश व्यास ने बताया कि बेरोजगारी दर लॉकडाउन से पहले के स्तर पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी दर में गिरावट का सीधा मतलब है कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है।
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Mumbai News : अनलॉक-01: लॉकडाउन में सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को अब मिलेगी रफ्तार
सीएमआईई के मुताबिक जून के दूसरे सप्ताह में बेरोजगारी दर शहरी क्षेत्र में 13 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 11 प्रतिशत रही। साफ है कि शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में काम के बेहतर अवसर हैं। लॉकडाउन के दौरान अप्रेल और मई में बेरोजगारी दर 23.5 प्रतिशत तक बढ़ गई थी। जून के पहले हफ्ते में बेरोजगारी दर 17.5 प्रतिशत थी, जो दूसरे हफ्ते में 11.6 प्रतिशत रही। उन्होंने बताया कि 14 जून को लेबर पार्टिसिपेशन रेट 40.4 प्रतिशत रहा जो 22 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह के 42.6 प्रतिशत से बहुत पीछे नहीं है।
जुलाई से आएगी तेजी
कर्मचारी संगठनों के मुताबिक जुलाई से श्रमिकों की वापसी बढ़ेगी। मजूदरों की वापसी से न सिर्फ कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी बल्कि बेरोजगारी भी कम होगी। मजदूरों की वापसी को उनके घरेलू विवाद से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। कई साल बाद घर लौटे बड़ी संख्या में मजदूरों को जमीन-जायदाद को लेकर झगड़े का सामना करना पड़ा।
ट्रेन और बस सेवा
जून से देश भर में सीमित संख्या में ट्रेनें चलाई जा रही हैं। सीट के बराबर ट्रेन में सफर की इजाजत मिल रही है। सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की शर्त के साथ राÓयों में परिवहन निगम की बस सेवा भी शुरू हुई है। इससे मजदूरों का आवागमन सुगम हुआ है।
इन राज्यों में लौटे प्रवासी
जून के पहले पखवाड़े के दौरान महाराष्ट्र में डेढ़ लाख श्रमिक लौटे हैं। मुंबई को छोड़ राज्य के अन्य हिस्सों में श्रमिकों की वापसी शुरू हो गई है। गुजरात में 25 हजार, कर्नाटक में लगभग 50 हजार और तमिलनाडु में &5 हजार मजदूर अन्य राज्यों से आए हैं। हरियाणा और पंजाब में भी श्रमिक काम पाने के लिए वापस आने लगे हैं।
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97 लाख लोग पहुंचाए गए घर
अप्रेल-मई के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से मजदूरों ने अपने गृह प्रदेश पलायन किया। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लॉकडाउन के दौरान 97 लाख श्रमिक गांव-घर पहुंचाए गए। जानकारों के अनुसार यह आंकड़ा बड़ा है। क्योंकि बड़ी संख्या में मजदूर साइकिल, रिक्शा, पैदल भी घर लौटे। उत्तर प्रदेश में 21.69 लाख और बिहार में 10 लाख श्रमिकों की वापसी की पुष्टि हुई है। महाराष्ट्र से 12 लाख तो गुजरात से 20.50 लाख श्रमिक घर गए।
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