तख्तमल कोठारी ने कहा कि वो पूरी तरह से फिट हैं, उन्हें ब्लड शुगर या कोई अन्य बीमारी नहीं हैं, और न ही वह कोई दवा ले रहे हैं, तो वो रक्तदान क्यों नहीं कर सकते? बता दें कि नियमों के मुताबिक, सिर्फ 18 से 65 साल के व्यक्ति ही रक्तदान कर सकते हैं, लेकिन तख्तमल कोठारी ने कहा कि वो भी देश की सेवा करना चाहते हैं। पीएम मोदी के जन्मदिन पर वो रक्तदान कर के ही रहेंगे। आखिर में उनकी जिद के आगे डॉक्टरों और कर्मचारी को हार माननी पड़ी।
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डॉक्टर और कर्मचारी ने उनका मान रखने के लिए उनकी उंगली से दो बूंद खून लिया गया, जिसके बाद तख्तमल कोठरी संतुष्ट होकर वहां से गए। तख्तमल कोठारी राजस्थान के मेवाड़ के रिछेड के रहने वाले हैं, लेकिन करीब 50 साल पहले वो व्यापार के चलते मुंबई आ गए थे। बता दें कि इस पूरी घटना के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया ने ट्वीट कर कहा कि खून की एक बूंद भी बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है। मुझे लगा मानवता के नाम पर रक्तदान करना चाहिए। सांता क्रूज़ में मीडिया से बात करते हुए तख्तमल पृथ्वीराज कोठारी ने कहा कि मुझे वहां मौजूद कर्मचारी ने मना किया, लेकिन मैं रक्तदान करना चाहता था। मैंने डॉक्टर से कहा कि भले ही मेरा थोड़ा खून लो, लेकिन लो मेरा खून। मुझे किसी प्रकार की कोई भी बीमारी नहीं है।
करीब 1 लाख 69 हजार लोगों ने किया रक्त दान: बता दें कि करीब दो हफ्ते तक चलने वाले रक्तदान अमृत महोत्सव की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को हुई थी। 20 सितंबर तक करीब 1 लाख 62 हजार से अधिक लोगों ने रक्त दान किया है। जबकि 2 लाख 89 हजार लोगों ने डोनर के तौर पर रजिस्टर किया है। पहले ही दिन करीब 87 हजार से अधिक लोगों ने रक्तदान किया जो अपने आप में एक अनोखा रिकॉर्ड था। यह रक्तदान का कार्यक्रम 2 अक्टूबर तक जारी रहेगा।