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Mumbai Rail Negligence : चार दिनों में बस्ती नहीं पहुंची ट्रेन यात्री परेशान, रेलवे ने नहीं ली सुध

locationमुंबईPublished: May 25, 2020 12:45:10 pm

Submitted by:

Binod Pandey

महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों से जाने वाली ट्रेनों ( Train ) के मार्ग पर भीड़ ( Crowd ) होने के चलते ट्रेनों को डायवर्ड ( Diversion ) किया जा रहा है। जिससे यात्रियों को घर पहुंचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

Mumbai Rail Negligence : चार दिनों में बस्ती नहीं पहुंची ट्रेन यात्री परेशान, रेलवे ने नहीं ली सुध

Mumbai Rail Negligence : चार दिनों में बस्ती नहीं पहुंची ट्रेन यात्री परेशान, रेलवे ने नहीं ली सुध

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मुंबई. एलटीटी से बस्ती के लिए 21 मई को निकली श्रमिक एक्सप्रेस चार दिनों के बाद भी यह गंतव्य तक नहीं पहुंची है। इससे ट्रेन में मौजूद यात्री बेहद परेशान हैं। बच्चों और महिलाओं का बुरा हाल है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों से जाने वाली ट्रेनों के मार्ग पर भीड़ होने के चलते ट्रेनों को डायवर्ड किया जा रहा है। जिससे यात्रियों को घर पहुंचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चेंबूर के रहने वाले वीरेंद्र सिंह बताते हैं कि भीषण गर्मी में हम ट्रेन में फंसे हुए हैं। जिस ट्रेन मो 24 से 30 घंटे में पहुंचना चाहिए था वह चार दिनों में नहीं पहुंची है। ट्रेन के यात्रियों का कहना है कि रेलवे प्रशासन ने एलटीटी से ट्रेन छूटने के बाद उन्हें केवल एक बार भोजन और पानी उपलब्ध कराया गया। वीरेंद्र ने कहा कि हमारी किसी को चिंता नहीं हैं। जहां हमारी ट्रेनें रुकीं वहां पर ग्रामीणों ने हमें पानी पिलाया। चीता कैंप के रहने वाले अमित सिंह ने कहा कि हम स्टेशन के बीच जहां भी ट्रेनें रुकती हैं, वहां स्टॉल से खाना खरीदने का प्रयास करते हैं। ट्रेन में बच्चे हैं, जो बेचैन महसूस कर रहे हैं और हम इतने घंटों तक बिना खानपान के रह रहे हैं। हमने जो खाना घर से लिया वह दो दिन में खत्म हो गया, अब हम खीरा, ककड़ी खाकर सफर कर रहे हैं।
Mumbai Rail Negligence : चार दिनों में बस्ती नहीं पहुंची ट्रेन यात्री परेशान, रेलवे ने नहीं ली सुध
वीरेंद्र ने बातया कि इस ट्रेन को इटारसी भोपाल झांसी कानपुर लखनऊ होते हुए बस्ती जाना था। लेकिन हमें आगरा, ग्वालियर, हरियाणा, राजस्थान और गाजियाबाद के रास्ते ले जाया गया है। दिल्ली से होते हुए और बाद में लखनऊ ले जाया गया। शनिवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि लगभग 80 फीसदी श्रमिक ट्रेनें उत्तर प्रदेश और बिहार में भेजी जा रहीं हो रही हैं। इसलिए कुछ ट्रेनों को उन मार्गों पर डायवर्ट किया जा रहा है, जो भीड़भाड़ वाली नहीं हैं। रेलवे की अगले 10 दिनों में 2,600 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने की योजना है, जो लगभग 36 लाख प्रवासी मजदूरों को घरों तक पहुंचाएगी।
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