टाटा पावर ने साफ कहा था कि बकाया बिल नहीं मिला तो वह मंगलवार से बेस्ट को बिजली देना बंद कर देगी। बीएमसी आयुक्त प्रवीण परदेशी और बेस्ट समिति ने समस्या के समाधान के लिए सार्थक प्रयास किया। दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई है कि बेस्ट चरणों में टाटा पावर का भुगतान करेगी, जिस पर कंपनी राजी हो गई है।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण मुंबई में बेस्ट उपक्रम लाखों उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करती है।
टाटा पावर से बिजली खरीद कर बेस्ट उसे ग्राहकों को मुहैया कराती है। पांच महीने के बकाया बिल का हवाला देते हुए टाटा पावर ने 14 मई को नोटिस जारी किया था। नोटिस में साफ कहा गया था कि यदि बकाया बिजली बिल का भुगतान 20 मई तक बेस्ट करने में सफल नहीं हुई तो 21 से बिजली आपूर्ति रोक दी जाएगी। बेस्ट पर टाटा पावर का 561.58 करोड़ रुपए बकाया है। इसी मामले को लेकर सोमवार को बेस्ट समिति की बैठक हुई, जिसमें सभी सदस्यों ने बेस्ट प्रशासन को लताड़ लगाई।
कुलाबा से बांद्रा तक बिजली आपूर्ति
बेस्ट कुलाबा से बांद्रा तक उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करती है। बेस्ट ने दिसंबर, 2018 से इस साल अप्रेल तक टाटा पावर का बिल नहीं भरा है। समिति की बैठक में बिजली विभाग के उप-महाप्रबंधक रणजीत सिंह ने बताया कि पैसे न होने के कारण बिजली बिल नहीं भरा गया। इस पर सत्ताधारी शिवसेना सहित सभी दलों ने बेस्ट प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।
महाप्रबंधक ने छिपाई अहम जानकारी
समिति के सदस्य आशीष चेंबूरकर ने कहा कि महाप्रबंधक सुरेंद्र कुमार बागड़े ने जान-बूझ कर इतनी गंभीर बात बेस्ट समिति से छुपाई। अनिल कोकिल ने कहा कि यह समिति को फंसाने की कोशिश है, यदि बिजली की आपूर्ति बंद होती तो जिम्मेदार कौन होता। सुहास सामंत, सुनील गणाचार्य, नाना आंबोले, श्रीकांत कवठणकर, प्रवीण शिंदे, सुनील अहीर और भूषण पाटील ने भी बेस्ट प्रशासन की खिंचाई की।