शहर के पुराण पुरुष, ग्राम देवता की है मान्यता
ठाणे शहर में स्थित कोपनेश्वर मंदिर लगभग 450 साल पुराना है और मंदिर के महादेव को ठाणे शहर के पुराण पुरुष या ग्राम देवता के रूप में माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण सर सूबेदार रामजी महादेव विवलकर ने ई.स.1760 करवाया था। यह मंदिर मासुंदा तालाब के पूर्व किनारे पर स्थित है। मासुंदा तालाब ठाणे शहर का गौरव व चौपाटी के तौर पर विख्यात है। अब यह ऐतिहासिक झील शहर में बढ़ती आबादी के चलते तालाब में परिवर्तित हो गई है। मुंबई गजट में मिली जानकारी के अनुसार यह झील 34 एकड़ जमीन पर फैली हुई थी। उसके आस पास का क्षेत्रफल लगभग 220 फिट लंबी और 60 फिट चौड़ा था। मुख्य मंदिर के पीछे एक पुराना विशाल पीपल का पेड़ था उसके पास में हनुमान की मूर्ति थी। समय के साथ साथ पीपल का पेड़ लुप्त हो गया।अब हनुमान जी के इस मूर्ति को मंदिर के प्रांगण के उत्तरी भाग में स्थापित किया गया है। मंदिर के पीछे एक उत्तरेश्वर का भी मंदिर था।
भगवान शिव की पूजा दीपावली के बाद वैकुण्ठ चतुरदर्शी को 12 बजे रात में कमल के फूलों को चढ़ाकर भव्य पूजा अर्चना की जाती है। लोगों का मानना है कि इस दिन शिवलिंग जौ के बराबर बढ़ता है। श्री कोपनेश्वर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुहास पुरुषोत्तम बकरे, सचिव रवींद्र विश्वनाथ उतेकर, खजिंदार किशोर बलवंत फड़के आदि हैं।