टिड्डियों को पकडऩा, उसको खाने लायक बनाने का पाक कला अनूठी है। असलम सिंधी ओर पराग सिंह के अनुसार वे लोग टिड्डियों के समूह का पता करते हैं और देर रात या तड़के उसी स्थान पर जाकर एक विशेष प्रकार का रासायनिक पदार्थ स्प्रे करते हैं। इससे टिड्डियां उड़ नहीं पाती हैं। इसके बाद पीली एवं गुलाबी टिड्डियों को अलग-अलग बोरियों में भर लेते हैं। इसके बाद टिड्डियों को एक बड़े बर्तन में रख कर आग पर रख देते हैं। लंबी प्रक्रिया के बाद मीठे- नमकीन अचार बनाए जाते हैं।
तेजू खान बताते हैं कि अरब, ईरान, अजरबैजान, अफगानिस्तान में टिड्डी का स्वादिष्ट अचार सूखे मेवे और नमकीन के रूप में इस्तेमाल होता है। वहां यह काफी महंगा बिकता है। चीन की एक कंपनी टिड्डियों से तैयार खाद्य सामग्री का प्रचार करती है।
मधुमक्खी की तरह शौकीन लोग टिड्डी पालन करते हैं। अमीर लोग ऊंची कीमत पर टिड्डी खरीद लेते हैं। टिड्डियों से निकला कूड़ा भी ऊंची कीमत पर बिकता है। कृषि भूमि उपजाऊ बनाने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है।