उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुंबई के पर्यावरण के साथ खिलवाड़ न करें। शिंदे सरकार के इस फैसले पर काग्रेस ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी की महाविनाश अघाड़ी के आते ही विनाश शुरू हो गया है। जानकारी के अनुसार नए डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पद संभालते ही मेट्रो कार शेड को आरे कॉलोनी में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने सरकार की कानूनी टीम को अदालत को इसे सूचित करने के लिए कहा है कि मेट्रो शेड प्रोजेक्ट को आरे कॉलोनी में ट्रांसफर किया गया है।
जानें क्या है मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट, जिसे लेकर शुरू है सियासी जंग? मुंबई मेट्रो 33.5 किलोमीटर लंबे कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन के लिए एमएमआरडीए द्वारा एक मेट्रो कार शेड बनाया जा रहा है। लेकिन इस प्रोजेक्ट को लेकर लंबे समय से बीजेपी और शिवसेना आमने-सामने है। ये पहले आरे कॉलोनी में बनना था लेकिन उद्धव ठाकरे सरकार ने इसे शहर के कांजुरमार्ग शिफ्ट कर दिया था। इस प्रोजेक्ट के विरुद्ध बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल हुई थी। तब कोर्ट ने पेड़ों की कटाई को लेकर दायर याचिकाओं को खारिज किया था। फिर मेट्रो कॉर्पोरेशन की तरफ से यहां पेड़ों को काटने का कम शुरू किया गया था।
दरअसल विवाद की एक बड़ी वजह यह भी है कि मुंबई शहर के अंदर बसा यह एक ग्रीन लैंड है। यहां करीब पांच लाख पेड़ हैं। शिवसेना का कहना है कि यहां मेट्रो शेड बनने के कारण पेड़ों को काटा जाएगा। जबकि भाजपा का मानना है कि आरे ही एक मात्र वह स्थान है जहां निर्धारित लागत और तय वक्त से पहले मेट्रो शेड का काम किया जा सकता है।
गौर हो कि बीजेपी के साथ सत्ता में रहने के बावजूद शिवसेना इस प्रोजेक्ट का विरोध करती रही है। साल 2019 में शिवसेना ने मेट्रो कार शेड को आरे कॉलोनी से शिफ्ट करने का वादा किया था। इसके साथ ही सत्ता में आते ही शिवसेना ने मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया था। ऐसे में अब नई सरकार आते ही फिर विवाद शुरू हो गया है।