Latur Crime: कोयता लेकर गुंडों ने शहर में मचाया उत्पात, दो थानों की पहुंची पुलिस तो निकल गई सारी हीरोपंती- जानें क्या था मामला
ऐसे किया जा रहा था घोटाला
बता दें कि ईएसआईसी अस्पताल केवल ईएसआईसी द्वारा बीमित 3.63 लाख श्रमिकों और उनके 11.33 लाख परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए है। इसके तहत इलाज का खर्च कर्मचारियों के वेतन से काटे गए अंशदान से दिया जाता है। जबकि इसमें कम करने वाले डॉक्टरों के वेतन का भुगतान भी इसी पैसे से होता है।
कमीशन में मिल रही थी मोटी रकम
रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी डॉक्टर करीब 18 महीने पहले कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर ईएसआईसी अस्पताल में बतौर सर्जन जॉइन हुआ था। वह एक प्राइवेट अस्पताल में भी डॉक्टर है। आरोपी डॉक्टर ने कथित तौर पर उन मरीजों को भी सर्जरी की सिफारिश की जिन्हें उनकी जरूरत नहीं थी। इसके अलावा, ईएसआईसी अस्पताल में उन सर्जरी की सुविधा होने के बावजूद भी वह मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में रेफर कर देता था। कथित तौर पर आरोपी डॉक्टर को इसके लिए प्राइवेट अस्पताल से प्रति मरीज मोटी रकम बतौर कमीशन दी जाती थी।