हर साल अगस्त से टमाटर की कीमत स्थिर हो जाती है, लेकिन इस साल तस्वीर उल्टी हो गई है। किसानों को टमाटर की कीमत जरूर कम मिल रही है, लेकिन ग्राहकों के लिए यह अभी महंगा ही साबित हो रहा है। जबकि कीमत अधिक होने से मांग स्थित हो चुकी है। किसानों के अनुसार इस बार 15 दिन पहले हुई लगातार बारिश के कारण टमाटर की रोप को काफी नुकसान हुआ है। अधिक वर्षा और सूर्य के प्रकाश की कमी के कारण पौधे का विकास अवरुद्ध हुआ। परिपक्व हो चुके अंकुरों के ऊपरी फूल गायब हो गए हैं। साथ ही काले धब्बे लग गए और उनकी चमक भी जाती रही है। फिलहाल जो किसान टमाटर लेकर मंडी में आते हैं, उसकी खरीद के लिए व्यापारी भागदौड़ करते हैं। इसकी वजह टमाटर की सुचारू आवक पर असर हुआ है। व्यापारियों के अनुसार अक्टूबर तक यही हाल रहने वाला है, जब बाजार में नया माल आएगा तो कुछ हद तक स्थिति में सुधार होगी।
इस तरह भाव डगमगाया
थोक मंडी में अभी टमाटर का अधिकतम भाव 1250 रुपए प्रति 20 किलो है। जबकि न्यूनतम भाव 400 से 450 रुपए प्रति 20 किलो है। इस वजह से यह खुले बाजार में यह 40 रुपए से 60 रुपए के भाव में बिक रहा है। व्यापारी रमेश बांगर ने बताया कि पिछले साल अगस्त में टमाटर का भाव 140 रुपए से 160 रुपए प्रति 20 किलो था। इस तरह दो गुणा से अधिक भाव होने के कारण यह इस बार आम उपभोक्ताओं को परेशान कर रहा है।
यहां का टमाटर है खास
नासिक जिले में तीन-चार तहसील में टमाटर की खूब खेती होती है, इनमें सिन्नर, कलवन, दिडोरी और नासिक तहसील शामिल है। यहां का टमाटर पूरे देश में जाता है। इस वजह से गुजरात, मध्यप्रदेश और मुंबई के व्यापारी भी नासिक में डेरा डालते हैं। गुजरात में टमाटर की मांग अधिक होने से गुजरात के व्यापारी भी नासिक से टमाटर ले जा रहे हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश के बुरहानपुर और मुंबई में भी खूब मांग रहती है।