जानकारी अनुसार मूल रूप से पश्चिम बंगाल के मालदा का रहने वाला मोहम्मद उमर शेख (29) नवी मुंबई के उलवे में रहता था। मजदूरी का काम करने वाला शेख का काम बंद होने के कारण एक घर में अकेले रहता था। काम बंद होने के बाद उसने फल बेचकर गुजर बसर शुरू कर दी थी लेकिन इसी बीच नौ मई को उसकी तबियत खराब हुई। उसने एक दोस्त को फोन कर इसकी जानकारी दी लेकिन दोस्त जब तक पहुंचा उसकी मौत हो चुकी थी। पोस्ट मार्टम के लिए शव वाशी मनपा अस्पताल ले जाया गया और शव परिजनों को कोरोना संक्रमण की जांच रिपोर्ट आने के बाद सौपने की बात कही गई। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद 14 मई को अस्पताल प्रशासन ने फोन कर परिजनों को शव ले जाने के लिए बुलाया। 16 मई को शेख के परिजन एम्बुलेंस लेकर अस्पताल पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि शवगृह में रखा शव मिल नहीं रहा। मामले की शिकायत पुलिस तक पहुंची तो मामले की छानबीन शुरू हुई।
सीसीटीवी में हुआ शव बदली होने का खुलासा सीसीटीवी की जांच में खुलासा हुआ कि काजल नाम की एक लड़की की जगह उसके परिवार को गलती से शेख का शव दे दिया गया। काजल के पिता भूषण सूर्यवंशी ने बताया कि अस्पताल में काजल का पीलिया का इलाज चल रहा था। 4 मई को उसकी मौत हो गई लेकिन कोरोना जांच के नाम पर शव करीब 10 दिन नहीं दिया गया। बाद में प्लास्टिक में लपेटा हुआ शव मिला तो कोरोना संक्रमण के डर से शव को देखे बिना दाह संस्कार कर दिया। अब अस्पताल प्रशासन मामले की जांच की बात कही है। वही वाशी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षकसंजीव धूमल ने बताया कि शिकायत की छानबीन की जा रही है हालांकि अभी तक एफआईआर नहीं दर्ज की गई है।
मनपा आयुक्त ने दिया जांच का आदेश नवी मुंबई मनपा अस्पताल से शव गायब होने की खबर रविवार रात को पत्रिका डिजिटल पर प्रकाशित किया गया था ।यह खबर वायरल होने के बाद मनपा आयुक्त अण्णासाहेब मिसाल ने मामले में जांच का आदेश दिया है ।इसकी जांच करने के लिए कमिटी बिठाई गई है। जांच के बाद दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई किया जाएगा । वंही मनपा अस्पताल के तरफ से अधिकारियों का बचाव किया जा रहा है ।बचाव के लिए शव गृह में काम करने वाले ठेके के कर्मचारियों को दोषी बताया जा रहा है ।