पानी में गए 200 करोड़ रूपए
गौरतलब है कि लगभग 15 वर्षों से धारावी विकास की योजना पर चर्चा हो रही है। इससे पहले धारावी विकास में 5 हजार 600 करोड़ खर्च करने की योजना थी, जो अब बढ़कर 26 हजार करोड़ की हो गई है। पहले धारावी को नौ सेक्टरों में विकसित करने की योजना थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री विलास राव देशमुख ने बीकेसी के एच ब्लाक को जोड़कर 10 सेक्टर बनाने की योजना बनाई थी। इसके लिए सेक्टर प्लानिंग, सर्वे जैसे कार्यों में 200 करोड़ रूपए खर्च हुए। अब सरकार ने जो योजना बनाई है, उसमें पूरी धारावी को एक सेक्टर में तैयार किया जाएगा। ऐसे में नए सिरे से सेक्टर प्लान बनाना होगा। इस हिसाब से पिछले सेक्टर प्लान में खर्च किए गए पैसे पूरी तरह से पानी में चले गए।
7 वर्ष में बनेगी योजना और 25 वर्ष में होगा कार्य पूरा
धारावी बचाओ समिति के अध्यक्ष राजेंद्र कोरडे ने बताया कि धारावी विकास की इस योजना के लिए सरकार ने रेलवे से बात कर माहिम में लगभग 90 एकड़ जमीन को रेखांकित किया है। रेलवे अपनी जमीन देने को तैयार भी हो गई है। लेकिन प्रश्न यह उठता है कि इस योजना को आकार में आने में 7 वर्ष लगेंगे और यह 25 वर्ष में पूरी होगी। पर प्रश्न यह है कि आने वाले में 25 वर्षों में यह बजट कितना उचित होगा। क्या आने वाली सरकारें भी इस योजना पर ठीक वैसे ही अमल करेंगी जैसे कि इस सरकार ने इसकी रूप-रेखा बनाई है। यह भी ठीक है कि सरकार ने सकारात्मक पहल करते हुए डवलपर को बहुत-सी सुविधाएं भी देने की तैयारी दिखाई है। पर इस सबके बाजवूद धारावी की जनता को कुछ मिलता नहीं दिख रहा है।