कर्ज का बोझ बढ़ा नहीं बल्कि हल्का हुआ वित्त मंत्री ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि सरकार ने 5 लाख करोड़ रुपए कर्ज लिया है उन्हें गणित नहीं आती है। सरकार पर मौजूदा समय पर कुल 4 लाख 14 हजार 411 करोड़ रुपए कर्ज है। जो सरकार के उत्पन्न और अर्थव्यवस्था के अनुसार मात्र 14. 82 प्रतिशत ही है। जबकि सरकार अपने उत्पन्न के 30 प्रतिशत से अधिक रकम तक कर्ज ले सकती है।
सागर माला योजना से यातायात व्यवस्था होगी मजबूत बजट में मुंबई से सटे इलाकों में समुद्री मार्ग से आवाजाही के लिए बढ़ावा दिया गया है। जेट्टी बनाने, छोटे जहाज खरीदने आदि के लिए 26 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं। वसई, भायंदर, मनोरी, ठाणे के घोडबंदर, मालवण, बोरीवली, गेोराई में जेट्टी बनाकर रो-रो सेवा शुरू की जाएगी। मुंबई में नरीमन प्वाइंट, रेडीओ क्लब, एलिफेंटा तक लोग इस सेवा का लाभ ले सकेंगे। मुंबई शहरीय परिवहन परियोजना भाग- 3 के लिए 55 हजार करोड़ का प्रस्ताव है।
मुंबई में मेट्रो का जाल मुंबई उपनगर तथा इससे सटे मनपा क्षेत्रों को जोडऩे के लिए सरकार ने 276 किमी लम्बा मेट्रो का जाल बिछाने का काम शुरू किया है। मौजूदा समय में 146 किमी लम्बे मेट्रो के निर्माण का काम शुरू है। सरकार इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए केंद्र सरकार की मदद से खर्च कर रही है। मुंबई के साथ नागपुर , पुणे में भी मेट्रो बन रही है।
9 जिलों में बन रहे एयरपोर्ट हवाई यातायात को सहज और आम जनता तक पहुंचाने के लिए राज्य के 9 जिलों में एयरपोर्ट बनाने का काम शुरू है। शिर्डी में हवाई सेवा शुरू कर दी गई है जबकि, सोलापुर, अमरावती, चंद्रपुर में जल्द ही काम पूरा होगा। 65 करोड़ रुपए का खर्च प्रस्तावित है। इसी तरह एसटी बस सेवा को आधुनिक बनाने, यात्रियों को सुरक्षित और व्यवस्थित सेवा देने के लिए 300 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजना प्रस्तावित है।
‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र’ से आया निवेश पिछले चार वर्षों में राज्य में 3 लाख 36 हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। आगे भी डेढ़
हजार करोड़ रुपए के निवेश अपेक्षित है। बीमारों के मुफ्त उपचार की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए 3 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान है। अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए 465 करोड़ रुपए , महिला बाल विकास के लिए 2921 करोड़ रुपए व शिक्षा के लिए 784 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है।
हजार करोड़ रुपए के निवेश अपेक्षित है। बीमारों के मुफ्त उपचार की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए 3 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान है। अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए 465 करोड़ रुपए , महिला बाल विकास के लिए 2921 करोड़ रुपए व शिक्षा के लिए 784 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है।