वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार हर समाज हर तबके के लिए समान दृष्टि से काम कर रही है। इतने बड़े पैमाने पर खर्च के बाद भी सरकार के पास 2082 करोड़ रुपए अभी जमा हंै। बजट में सरकारी कर्मचारियों, किसानों को भारी मदद, निवेश को बढ़ावा, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ मूलभूत सुविधाओं पर बल दिया गया है। शहरीय भागों में विकास, मेट्रो, बस, ट्रेन आदि को विभिन्न परियोजनाओं के तहत आधुनिक बनाने संकल्प भी किया गया है।
कैबिनेट में मंजूर सरकारी कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का लाभ देने को भी इस बजट में शामिल कर लिया गया है। हालांकि इससे राज्य सरकार के खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा किन्तु सरकार ने जो वादा किया है उसे पूरा करेगी। यह दावा करते हुए मुनगंटीवार ने कहा कि खर्च का जो भी अतिरिक्त भार सरकार पर पड़ेगा उसके लिए अनावश्यक खर्च से बचत कर सरकार नुकसान भरपाई करेगी।
सागर माला योजना से यातायात व्यवस्था होगी मजबूत : बजट में मुंबई से सटे इलाकों में समुद्री मार्ग से आवाजाही के लिए बढ़ावा दिया गया है। जेट्टी बनाने, छोटे जहाज खरीदने आदि के लिए 26 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं। वसई, भायंदर, मनोरी, ठाणे के घोडबंदर, मालवण, बोरीवली, गेोराई में जेट्टी बनाकर रो-रो सेवा शुरू की जाएगी। मुंबई में नरीमन प्वाइंट, रेडीओ क्लब, एलिफेंटा तक लोग इस सेवा का लाभ ले सकेंगे। मुंबई शहरीय परिवहन परियोजना भाग- 3 के लिए 55 हजार करोड़ का प्रस्ताव है।
मुंबई में मेट्रो का जाल : मुंबई उपनगर तथा इससे सटे मनपा क्षेत्रों को जोडऩे के लिए सरकार ने 276 किमी लम्बा मेट्रो का जाल बिछाने का काम शुरू किया है। मौजूदा समय में 146 किमी लम्बे मेट्रो के निर्माण का काम शुरू है। सरकार इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए केंद्र सरकार की मदद से खर्च कर रही है। मुंबई के साथ नागपुर , पुणे में भी मेट्रो बन रही है।
९ जिलों में बन रहे एयरपोर्ट : हवाई यातायात को सहज और आम जनता तक पहुंचाने के लिए राज्य के 9 जिलों में एयरपोर्ट बनाने का काम शुरू है। शिर्डी में हवाई सेवा शुरू कर दी गई है जबकि, सोलापुर, अमरावती, चंद्रपुर में जल्द ही काम पूरा होगा। 65 करोड़ रुपए का खर्च प्रस्तावित है। इसी तरह एसटी बस सेवा को आधुनिक बनाने, यात्रियों को सुरक्षित और व्यवस्थित सेवा देने के लिए 300 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजना प्रस्तावित है।
कर्ज का बोझ कम हुआ
वित्त मंत्री ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि सरकार ने 5 लाख करोड़ रुपए कर्ज लिया है उन्हें गणित नहीं आती है। सरकार पर कुल 4 लाख 14 हजार 411 करोड़ रुपए कर्ज है। जो सरकार के उत्पन्न और अर्थव्यवस्था के अनुसार मात्र 14. 82 प्रतिशत ही है। जबकि सरकार अपने उत्पन्न के 30 प्रतिशत से अधिक रकम तक कर्ज ले सकती है।
‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र से आया निवेश
गत चार वर्षों में राज्य में 3 लाख 36 हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। आगे भी डेढ़ हजार करोड़ रुपए के निवेश अपेक्षित है। बीमारों के मुफ्त उपचार की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के लिए 3 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान है। अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए 465 करोड़ रुपए , महिला बाल विकास के लिए 2921 करोड़ रुपए व शिक्षा के लिए 784 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है।