scriptसत्तापक्ष ने 41 करोड़ के ठेके को किया नामंजूर | Nomination for 41 crore contract by the ruling party | Patrika News

सत्तापक्ष ने 41 करोड़ के ठेके को किया नामंजूर

locationमुंबईPublished: Jun 03, 2019 06:21:39 pm

Submitted by:

Devkumar Singodiya

मुश्किलें: बस स्टॉप पर विज्ञापन के ठेके को लेकर राकांपा घिरी

सत्तापक्ष ने 41 करोड़ के ठेके को किया नामंजूर

सत्तापक्ष ने 41 करोड़ के ठेके को किया नामंजूर

नवी मुंबई. नवी मुंबई परिवहन विभाग के बस स्टॉप पर विज्ञापन के ठेके को लेकर सत्ताधारी राकांपा मुश्किल में घिरती नजर आ रही है, विज्ञापन के माध्यम से मनपा परिवहन विभाग को अतिरिक्त उत्पन्न देने वाली कंपनी के निविदा को राकांपा ने सत्ता के बल पर नामंजूर कर दिया, जबकि परिवहन विभाग के इस प्रस्ताव के लिए दो कंपनियों ने निविदा जमा किया था जिसमें एक कंपनी की तरफ से ज्यादा रकम भरा गया था तो दूसरी कंपनी का टेंडर काफी कम बताया गया। ज्यादा रकम का टेंडर भरने वाली कंपनी को यह ठेका देने का प्रस्ताव तैयार किया गया था जिसे एनसीपी ने सत्ता के बल पर नामंजूर कर दिया।

सत्तापक्ष अपनी मनमानी के आगे किसी की एक नहीं सुनता
सत्तापक्ष के इस निर्णय से विरोधी पक्ष शिवसेना ने नाराजगी जताते हुए आरोप लगाया है कि एनसीपी परिवहन विभाग को लगभग 4 करोड़ रुपए का घाटा दिलाने पर आमादा है। मनपा परिवहन विभाग के अतिरिक्त आय के लिए नवी मुंबई शहर में लगभग 250 बस स्टॉप पर 15 साल के लिए विज्ञापन के लिए ठेका देने का निर्णय लिया गया था, जिसके लिए चार एजेंसियों ने निविदा भरा था, जिसमें सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाली कंपनी ने 15 साल के लिए 41 करोड़ रुपए देने की तैयारी दिखाई थी, हालांकि चार कंपनियों में कुछ तकनीकी कारणों की वजह से दो कंपनी के टेंडर को ठुकरा दिया गया था। रौनक नामक कंपनी ने 15 साल के लिए 38 करोड़ रुपए देने की इच्छा जताई थी, इस कंपनी पर राकांपा सदस्य की मेहरबानी होने की वजह से उक्त कंपनी को ठेका देने के लिए 41 करोड़ देने वाली प्रोएक्टिव कंपनी के ठेके को राकांपा ने ठुकरा दिया, जिससे परिवहन को 3 से 4 करोड़ रुपए का घाटा सहना होगा। हालांकि एनसीपी के इस फैसले के विरोध में शिवसेना के सदस्य विसाजी लोके, समीर बागवान एवं राजू आव्हाड ने जमकर विरोध किया बावजूद इस प्रस्ताव को राकांपा ने निरस्त कर दिया। वही दूसरी तरफ 120 बस की मरम्मत का ठेका 9 करोड़ रूपए में देने का ठेका भी विवादों में अटक गया है, इस ठेके को लेकर भी परिवहन विभाग को राकांपा की वजह से नुकसान सहना होगा। ठेका देने के बजाय सड़क पर चलने वाली 120 बस को भंगार में निकालने का फैसला लिया गया है, जिसमें परिवहन विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान तय माना जा रहा है। परिवहन सदस्य समीर बागवान ने कहा कि सत्तापक्ष अपनी मनमानी के आगे किसी की एक नही सुनती है, आखिर विज्ञापन के माध्यम से परिवहन विभाग को 41 करोड़ रुपए का मुनाफा होता, लेकिन एनसीपी आखिर परिवहन विभाग को क्यों घाटे में डालना चाहती है यह तो सत्तापक्ष के लोग ही बता पाएंगे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो