विदित हो कि मिल मजदूरों और लाभार्थियों के वारिसों ने लॉटरी तक पहुंचने के लिए विभिन्न माध्यमों से म्हाडा से संपर्क किया गया है। इसलिए म्हाडा प्रशासन चाहता है कि अधिक से अधिक लोग इस लॉटरी प्रक्रिया में भाग लें, जबकि कुछ मिल मजदूर संघों ने मांग की थी कि मिल मजदूरों की लॉटरी के लिए सत्यापन की प्रक्रिया पहले से की जाए। वहीं श्रमिक संघों का कहना है कि फर्जी लाभार्थी भी भाग लेंगे, लेकिन म्हाडा प्रशासन ने लॉटरी के बाद ही सत्यापन प्रक्रिया करने का फैसला किया है।
म्हाडा मिल श्रमिकों की लॉटरी के लिए अब म्हाडा के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से सॉफ्टवेयर में परिवर्तन किए जा रहे हैं। वर्तमान में आईटी विभाग की ओर से मिल कर्मचारियों की लॉटरी के लिए सॉफ्टवेयर की कोडिंग की जा रही है। इसलिए इसे पूरा करने में अभी कुछ दिन और लगेंगे। इस प्रक्रिया में आमतौर पर 15 दिन लगने की उम्मीद है।