अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी पहल ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में पंढरपुर, कराड़, सतारा, बारामती, वर्धा के कॉलेज भी स्वायत्तता प्राप्त करने की पहल कर रहे हैं। वहीं रुसा प्रकल्प की संचालक मीता राजीवलोचन की मानें तो जिन कॉलेजों में 3.5 या उससे अधिक श्रेणियों का राष्ट्रीय मूल्यांकन और चार्टिंग काउंसिल है, उन्हें सीधे स्वायत्तता दी जाती है। राज्य में 35 कॉलेज हैं, जिन्हें भविष्य में स्वायत्तता मिल सकती है। ५ कॉलेजों के प्रस्ताव पर कार्रवाई की जा रही है और इस महीने के अंत तक निर्णय ले लिया जाएगा। वहीं स्वायत्तता प्राप्त करने के बाद कॉलेज जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नए पाठ्यक्रम शुरू कर सकते हैं। स्वायत्त कॉलेजों से उम्मीद की जाती है कि वे इसका इस्तेमाल गुणवत्ता बढ़ाने के लिए करेंगे।
यह हैं स्वायत्त महाविद्यालय डॉ. भानूबेन महेंद्र नानावटी गृहविज्ञान महाविद्यालय, मुंबई
एस. एस. एंड एल. एस. पाटकर कला, विज्ञान और वी. पी. वर्दे वाणिज्य
गुरुनानक खालसा कला, विज्ञान, वाणिज्य महाविद्यालय, मुंबई
हंसराज, जीवनदास शिक्षण शास्त्र महाविद्यालय, मुंबई
ठाकुर महाविद्यालय, पनवेल
कर्मवीर भाऊराव पाटील महाविद्यालय, पंढरपुर
सद्गुरु गाडगे महाराज महाविद्यालय, कराड
तुलजाराम चतुरचंद कला, शास्त्र, वाणिज्य महाविद्यालय, बारामती
छत्रपति शिवाजी कॉलेज, सातारा
अर्थशास्त्र महाविद्यालय, मुंबई
एस. एस. एंड एल. एस. पाटकर कला, विज्ञान और वी. पी. वर्दे वाणिज्य
गुरुनानक खालसा कला, विज्ञान, वाणिज्य महाविद्यालय, मुंबई
हंसराज, जीवनदास शिक्षण शास्त्र महाविद्यालय, मुंबई
ठाकुर महाविद्यालय, पनवेल
कर्मवीर भाऊराव पाटील महाविद्यालय, पंढरपुर
सद्गुरु गाडगे महाराज महाविद्यालय, कराड
तुलजाराम चतुरचंद कला, शास्त्र, वाणिज्य महाविद्यालय, बारामती
छत्रपति शिवाजी कॉलेज, सातारा
अर्थशास्त्र महाविद्यालय, मुंबई